प्रयागराजः भारतीय वायुसेना के एएन-32 एयरक्राफ्ट का संभावित मलबा बंगाल की खाड़ी में करीब 3.4 किमी की गहराई में मिला है. यह एयरक्रॉफ्ट करीब 7.5 साल पहले लापता हुआ था. इसमें 29 लोग सवार थे. इसमें प्रयागराज के राजरूपपुर के रहने वाले लक्ष्मीकांत त्रिपाठी भी सवार थे. जैसे ही यह खबर सामने आई परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
दरअसल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी के ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी) द्वारा ली गई तस्वीरों से पता चला है कि एएन-32 विमान का मलबा चेन्नई के तट से 310 किमी दूर समुद्र में मिला है. जैसे ही यह खबर लक्ष्मीकांत के माता-पिता को मिली तो वे अपने आंसू रोक नहीं सके. वह फूट-फूटकर रोने लगे. मां मीणा त्रिपाठी ने बताया कि 2012 में लक्ष्मीकांत की भारतीय वायुसेना में अंडमान निकोबार में पोस्टिंग हुई थी. इसके बाद छुट्टियों में 2016 में वह घर आया था. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के 2 दिन पहले यहां से गया था. वह एलएसी पद पर था तैनात.
22 जुलाई 2016 को विभाग द्वारा सूचना मिली कि विमान बंगाल की खाड़ी में कहीं लापता हो गया है. इसके बाद से यह परिवार बेटे के लौटने की आस लगाए था. परिवार को उम्मीद थी कि बेटा सकुशल घर लौट आएगा. शुक्रवार को जब विमान का मलबा मिलने की खबर आई तो परिजन अपने आंसू रोक नहीं पाए और फूट-फूटकर रोने लगे. उनका कहना है कि इनका बेटा वापस लौट कर जरूर आएगा. बता दें कि नरेंद्र त्रिपाठी के परिवार में लक्ष्मीकांत सबसे बड़े बेटे थे.