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Law Minister On IB And RAW: IB और रॉ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना गंभीर चिंता का विषय: रिजिजू

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जजशिप के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों के बारे में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की राय प्रकाशित करना एक चिंता का विषय है, जिसके बारे में वह बाद में बोलेंगे.

Union Law and Justice Minister Kiren Rijiju
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिज्जू

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Published : Jan 24, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Jan 24, 2023, 6:23 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा खुफिया ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ अंशों को सार्वजनिक मंच पर रखा जाना गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियां देश के लिए गोपनीय तरीके से काम करती हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो वे भविष्य में ऐसा करने से पहले दो बार सोचेंगी.

रिजिजू उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के हाल ही में सार्वजनिक किए गए कुछ प्रस्तावों से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. इन प्रस्तावों में शीर्ष अदालत द्वारा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के पद के लिए सुझाए गए कुछ नामों के संबंध में आईबी और रॉ की रिपोर्ट के कुछ अंश शामिल थे. कॉलेजियम ने खुफिया सूचनाओं को खारिज करते हुए इस महीने की शुरुआत में सरकार के सामने संबंधित नामों को फिर से दोहराया था.

रिजिजू ने यहां एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, 'रॉ और आईबी की संवेदनशील या गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक मंच पर रखना गंभीर चिंता का विषय है, जिस पर मैं उचित समय पर प्रतिक्रिया दूंगा.' कानून मंत्री ने कॉलेजियम के प्रस्तावों पर आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

पिछले हफ्ते, शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने अपनी वेबसाइट पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायपालिका के लिए कुछ अधिवक्ताओं के नामों को दोहराया था. शीर्ष अदालत ने उम्मीदवारों पर रॉ और आईबी के इनपुट का हवाला दिया, जिनकी फाइलें केंद्र द्वारा पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को लौटा दी गई थीं.

समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल की दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के संबंध में एक बयान में कॉलेजियम ने कहा: रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के 11 अप्रैल 2019 और 18 मार्च 2021 के पत्रों से ऐसा प्रतीत होता है कि इस अदालत के कॉलेजियम द्वारा 11 नवंबर 2021 को सौरभ किरपाल के नाम को मंजूरी देने की सिफारिश पर दो आपत्तियां हैं, जिसमें केंद्र ने कृपाल के पार्टनर के स्विस नागरिक होने पर सवाल उठाए हैं.

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उन्होंने कहा, सौरभ कृपाल का पार्टनर निकोलस जर्मेन बाकमैन एक स्विस नागरिक है. कृपाल के नाम को दोहराते हुए कॉलेजियम ने कहा कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि उम्मीदवार का साथी, जो स्विस नागरिक है, हमारे देश के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करेगा. उसका मूल देश एक मित्र राष्ट्र है. इसमें कहा गया है, संवैधानिक पदों के वर्तमान और पूर्व धारकों सहित उच्च पदों पर कई व्यक्तियों के पति-पत्नी विदेशी नागरिक हैं.

(इनपुट- आईएएनएस/पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 24, 2023, 6:23 PM IST

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