दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कानून मंत्री ने हाईकोर्ट के 9 मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति का दिया आश्वासन : सीजेआई

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के 6 सप्ताह लंबे पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच कैंपेन के शुभारंभ के अवसर पर कहा मई के बाद से हमने विभिन्न उच्च न्यायालयों में 106 से अधिक न्यायाधीशों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में 9 मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की है.

NV Ramana
NV Ramana

By

Published : Oct 2, 2021, 4:51 PM IST

नई दिल्ली :भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आश्वासन दिया है कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों की एक दो-दिन में मंजूरी दे देगी. जिसके तहत 9 मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति शामिल है.

न्यायमूर्ति रमना राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के 6 सप्ताह लंबे 'पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच कैंपेन' (एनएएलएसए) के शुभारंभ के अवसर पर कहा, 'मई के बाद से हमने विभिन्न उच्च न्यायालयों में 106 से अधिक न्यायाधीशों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में 9 मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश की है. सरकार ने कुछ को मंजूरी दे दी है और कानून मंत्री ने सूचित किया है कि बाकी चीजें एक या दो दिनों के भीतर आ जाएंगी.'

उन्होंने कहा कि मैं इन रिक्तियों को दूर करने और लोगों को न्याय तक त्वरित पहुंच प्रदान करने के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं और ये नियुक्तियां कुछ हद तक पेंडेंसी का ख्याल रखेगी. न्यायमूर्ति रमना ने जोर दिया, "मैं न्याय तक पहुंच को सक्षम करने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार से सहयोग और समर्थन चाहता हूं."

न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि लोगों को यह महसूस करने की जरूरत है कि कानून और संस्था सभी के लिए है और एक लोकतांत्रिक देश में लोगों का विश्वास और विश्वास ही संस्थाओं को बनाए रखता है. उन्होंने कहा, "हमें उस विश्वास को अर्जित करना चाहिए. लोकतंत्र की गुणवत्ता न्याय की गुणवत्ता पर टिकी हुई है. एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक जीवंत न्यायपालिका आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें-पुलिस के खिलाफ शिकायतों के लिए पैनल के बारे में सोच रहा था : सीजेआई

न्यायमूर्ति रमना ने कमजोर वर्गो सहित सभी को न्याय सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि यदि कमजोर वर्ग अपने अधिकारों को लागू नहीं कर सकते हैं तो समान न्याय की गारंटी अर्थहीन हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'समानता और न्याय तक पहुंच एक दूसरे के पूरक हैं'

उन्होंने कहा, कोविड-19 ने न्यायपालिका सहित कई संस्थानों के लिए कई समस्याएं पैदा की हैं. बड़ी रिक्तियों और अदालतों के काम न करने, ग्रामीण क्षेत्रों में आभासी सम्मेलन सुविधाओं की कमी के अलावा, विभिन्न मंचों पर हजारों मामले जमा हुए हैं. महामारी ने कुछ गहरी समस्याओं को उजागर किया है

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details