श्रीनगर :पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए हुए आज दो साल हो गए हैं. भारत सरकार ने दो साल पहले 5 अगस्त, 2019 में संसद में कानून पारित कर अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निरस्त कर दिया था.
सीआरपीएफ आईजी चारु सिन्हा से खास बातचीत इस अवसर पर सीआरपीएफ आईजी (श्रीनगर सेक्टर) चारु सिन्हा ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में, विशेष रूप से घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है.
ईटीवी भारत से विशेष साक्षात्कार में चारु सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर संवेदनशील इलाका है, आतंकवाद से लड़ना सबसे बड़ी चुनौती है. यहां काम करना बाकी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से अलग है.
उन्होंने कहा, हां, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर, खासकर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश और बिहार में काम करने का अनुभव अलग है और जम्मू-कश्मीर में कई तरह की चुनौतियां हैं. जिससे अलग से निपटा जा सकता है और कश्मीर घाटी में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा और चुनौती है, जिसका हर तरह से समाधान किया जा रहा है.
चारु सिन्हा ने कहा कि कश्मीर में पिछले दो साल के दौरान आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पाया गया है और नई रणनीति अपनाकर इसे और नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है. इन दो वर्षों के दौरान कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थापना को एक सकारात्मक पहल के रूप में माना जाना चाहिए.
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सीआरपीएफ आईजी ने कहा कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था के लिए युवाओं को रोजगार देना बहुत जरूरी है. इसके लिए सीआरपीएफ बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है.