कोलकाता : देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले सेना के जवानों की शहादत पर पूरा गांव और देश गमगीन होता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में. परिवार से ऊपर देश सेवा चुनने वाले बीएसएफ जवान सुबोध घोष की शहादत पर पूरा गांव शोक संतप्त था. परिजनों समेत पूरे गांव वालों के बीच सुबोध के कुर्बानी को लेकर आक्रोश और गर्व की अनुभूति भी देखी गई.
शहीद जवान सुबोध घोष का पार्थिव शरीर कोलकाता के नदिया जिले में स्थित उनके आवास पर रविवार रात को लाया गया. वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से किये गए संघर्ष विराम उल्लंघन में घोष शहीद हो गए थे.
घोष 2017 में 23 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हुए थे. पिछले साल नवंबर में उनकी शादी हुई थी और इस साल अगस्त में वह एक बेटी के पिता बने थे.