नई दिल्ली :संसद का मानसून सत्र2023 के लिए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में मणिपुर मुद्दे सहित कुछ अन्य विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मानसून सत्र के दौरान कामकाज बाधित रहा. लोकसभा सभापति ओम बिरला ने निचले सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पहले बताया कि सत्र के दौरान 17 बैठक हुईं जिनमें 44 घंटे 15 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में कार्य उत्पादकता 45 प्रतिशत रही.
सभापति ने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और इस पर 19 घंटे 59 मिनट चर्चा हुई तथा 60 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया. यह प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया. बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 20 सरकारी विधेयक पेश हुए और 22 विधेयक पारित हुए. इसमें 50 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए. सभापति के अनुसार,संसदकी स्थायी समितियों ने 65 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये. संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था. सदन में इस दौरान प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के कई अन्य मंत्री मौजूद थे. विपक्षी दलों के अधिकतर सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे.
इधर, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर मुद्दे पर सदन में गतिरोध कायम रहने के कारण कामकाज बाधित होने पर अफसोस जताया. सभापति धनखड़ ने अपराह्न दो बज कर करीब 50 मिनट पर उच्च सदन की बैठक अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. इसके पहले सदन में राष्ट्रगीत की धुन बजायी गई. राज्यसभा में मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को हुई थी और इस दौरान सदन की कुल 17 बैठकें हुईं.
लोकसभा में सीआरपीसी संशोधन बिल पेश :आज केंद्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने लोकसभा में सीआरपीसी (CrPC ) संशोधन बिल पेश किया. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, '1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए कानूनों के मुताबिक चलती थी. तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा.' आईपीसी को अब भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा. राजद्रोह को खत्म करने का प्रस्ताव. गृह मंत्री ने लोकसभा में यह जानकारी दी.
इसके तहत अंग्रेजों के बनाए गए तीन कानून बदले जाएंगे. पुराने कानून नहीं चलेंगे. गुलामियों की निशानियों को मिटाया जाएगा. अमित शाह ने कहा, 'इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90 प्रतिशत से ऊपर ले जाना है. इसीलिए हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जो धाराएं 7 साल का प्रावधान करती हैं या अधिक जेल की सजा, उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा.' उन्होंने कहा, 'इस कानून के तहत, हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं. लोकसभा में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक.'
लोकसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते कई बार स्थगित की गई. मानसून सत्र का आज आखिरी दिन था. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड किए जाने के मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा जारी रहा. वहीं, अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड किए जाने के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसदों की बैठक बुलाई गई. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर एनसी सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'अफसोस की बात है कि उन्होंने आखिरी दिन (संसद के) एक अच्छे सदस्य को निलंबित कर दिया.' सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, 'संसद में किसी को भी किसी भी समय निलंबित किया जा सकता है. यह आज का संसद है.