जम्मू/नई दिल्ली : जम्मू में रविवार तड़के भारतीय वायु सेना के केंद्र पर ड्रोन हमले के पीछे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का संदेह है और संकेत मिले हैं कि ड्रोन सीमापार से आए. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमले के पीछे पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का संदेह है.
जम्मू हवाईअड्डे के परिसर में स्थित वायु सेना के स्टेशन पर रविवार को दो ड्रोनों से विस्फोटक सामग्री गिराई गयी जिससे दो कर्मी घायल हो गए. माना जा रहा है कि विस्फोटक में आरडीएक्स समेत अलग-अलग विस्फोटक सामग्री मिलाई गई. मामले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई.
गृह मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला लिया.
हालात और जांच पर नजर रख रहे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि मानवरहित वायुयान (ड्रोन) सीमापार से उड़कर आए हों और अपने काम को अंजाम देने के बाद लौट गए हों.