नासिक : जानेमाने फिल्म पटकथा लेखक एवं गीतकार जावेद अख्तर (renowned film scriptwriter and lyricist Javed Akhtar ) ने कहा कि साहित्यकारों को आगे आने, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और बिना किसी डर के अपनी राय व्यक्त करने की जरूरत है.
वह यहां 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन (94th Akhil Bharatiya Marathi Sahitya Sammelan) के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार को नासिक में प्रसिद्ध साहित्यकार विश्वास पाटिल ने किया. यहां भुजबल नॉलेज सिटी के कुसुमराज नगरी में हो रहे कार्यक्रम का आयोजन लोकहितवाड़ी मंडल की ओर से किया गया है.
अख्तर ने कहा कि भाषा हमारे देश में एक बाधा बन जाती है. हम धीरे-धीरे संकीर्ण होते जा रहे हैं. भाषा एक वाहन है जो संस्कृति को चलाती है. राजा और राजनेता कला को तब तक प्यार करते हैं जब तक कि वह सुंदरता को चित्रित करे लेकिन जब वह दर्द, लोगों के आंसू के बारे में वास्तविकता को चित्रित करती है, तो वे आहत हो जाते हैं.