जोशीमठ में आफत का नया दौर! चमोली: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर अभी भी खतरे में है. मॉनसून सीजन में मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जोशीमठ शहर की तलहटी में सेलंग गांव के पास निर्माणाधीन मारवाड़ी हेलंग बाईपास पर पांच सौ मीटर के क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है. इससे घरों में दरारें आ गई हैं.
फिर बढ़ा खतरा: जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर व राहत कैंपों में जाने को कहा है. इसके अलावा जोशीमठ में मनोहर बाग वार्ड व सुनील गांव को जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर भी दरारें आई हैं. इस बार दरारों का आकार बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं.
पढ़ें- चमोली को लगी किसकी नजर? कभी रैणी में आपदा तो कभी जोशीमठ में दरारें, एसटीपी करंट की घटना ने भी रुलाया जोशीमठ में बढ़ रहा भूस्खलन का दायरा: बता दें कि आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर में भूस्खलन और भू-धंसाव का दायरा लगातार बढ़ रहा है. मॉनसून सीजन में स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है. जोशीमठ के सुनील वार्ड में भू-धंसाव से भवनों को खतरा बना हुआ है, जिससे वर्तमान में 16 परिवार प्रभावित हुए हैं. इस कारण पांच प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने राहत कैंप में रहने के निर्देश दिए हैं.
पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया: आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित राहत कैंपों में जाने को कहा गया है. जोशीमठ मनोहर बाग वार्ड व सुनील गांव को जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर भी दरारें आई हैं. साथ ही सिंहधार वार्ड में भी खेतों व रास्तों पर नई दरारें उभरी हैं. हालांकि यहां पर पहले से आई दरारें चौड़ी होने की शिकायत स्थानीय नागरिकों ने तहसील प्रशासन से की है.
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नृसिंह मंदिर मोटर मार्ग भी खतरे में:प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों का परीक्षण करवा रहा है. जोशीमठ नृसिंह मंदिर मोटर मार्ग पर भी जगह जगह भू-धंसाव व दरारें पड़ने से पहले ही बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर मुख्य बाज़ार से आवागमन करवाया जा रहा था. अब ख़तरे को देखते हुए छोटे वाहनों के लिए भी नृसिंह मंदिर बाईपास बंद कर दिया गया है.
सुनील वार्ड में फिर हुआ भू-धंसाव: नृसिंह मंदिर दर्शनों के लिए वाहन बदरीनाथ हाईवे पर स्थित पेट्रोल पंप से नृसिंह मंदिर तक तक आ रहे हैं. वहीं, लगातार भू धंसाव की शिकायत के बाद तहसील प्रशासन जोशीमठ की टीम ने सुनील वार्ड के नेगी और पंवार मोहल्ले में हो रहे भू-धंसाव का स्थलीय निरीक्षण किया.
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ज़मीन में फिर पड़ने लगी दरारें: इस दौरान उन्होंने दरारों से खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को राहत शिविर में जाने के निर्देश दिए हैं. अन्य परिवारों को भी मानसून के दौरान खतरे की स्थिति को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है. चमोली में लगातार हो रही बारिश से जोशीमठ में एक बार फिर ज़मीन पर दरारों का सिलसिला शुरू हो गया है.
जोशीमठ में पड़ रही दरारों को देखते हुए फ़रवरी माह से ही औली रोपवे सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है. इससे इस बार यात्रा सीजन में रोपवे से औली का दीदार करने की इच्छा पाले पर्यटकों को सड़क मार्ग से ही औली जाना पड़ा. रोपवे बंद होने से रोपवे का संचालन कर रहे जीएमवीएन को लाखों का नुक़सान उठाना पड़ा है.