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असम के मुख्यमंत्री की पत्नी पर जमीन हड़पने का आरोप

असम के क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी रायजोर दल ने असम के मुख्यमंत्री (Assam Chief Minister ) हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुयान पर भूमि हड़पने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है.

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रिंकी भुयान

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Published : Dec 8, 2021, 9:02 PM IST

गुवाहाटी : असम के क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी रायजोर दल ने असम के मुख्यमंत्री (Assam Chief Minister ) हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी पर भूमि हड़पने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है. साथ ही मुख्यमंत्री के इस्तीफे और मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) से जांच की मांग की है.

रायजर दल के उपाध्यक्ष (Vice president of Raijor Dal) रसेल हुसैन ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी रिंकी भुयान (Chief Minister's wife Riniki Bhuyan) पर आरोप लगाया और भुयान के स्वामित्व वाली कंपनी के खिलाफ सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की.

हुसैन ने एक मीडिया संगठन की एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुयान सरमा द्वारा सह-स्थापित एक रियल एस्टेट कंपनी भूमिहीन व्यक्तियों और संस्थानों के लिए लगभग 18 एकड़ सरकारी भूमि पर कब्जा कर रही है.

मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरबीएस रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (RBS Realtors Private Limited) ने दो चरणों में पहले 2006-2007 में और फिर 2009 में, 18 एकड़ में से अधिकांश भूमि का अधिग्रहण किया.

इस अवधि के दौरान, सरमा की पत्नी, रिंकी भुयान सरमा, कंपनी की निदेशक थीं और सरमा खुद तत्कालीन तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार (erstwhile Tarun Gogoi led Congress government) में एक प्रभावशाली मंत्री थे. कंपनी के अन्य संस्थापक-निदेशक सरमा के सहयोगी रंजीत भट्टाचार्य थे.

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भुयान सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी ने बहुत कम समय में उदयन फिशरीज एंड वेलफेयर एक्टिविटीज स्कूल (Udayan Fisheries and Welfare Activities School) को आवंटित भूमि खरीदी है.

रायजर दल के कार्यकारी अध्यक्ष जीतुल डेका ने संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि विचाराधीन भूमि किसी सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आवंटित की गई थी और कानून के अनुसार जिन ट्रस्टों को भूमि आवंटित की गई थी, वे कम से कम दस साल तक जमीन नहीं बेच सकते.

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