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Lalu Yadav On Caste Census: 'कैंसर का इलाज सिर दर्द की दवा खाने से नहीं होगा..' जातीय गणना पर लालू यादव का बड़ा बयान - ईटीवी भारत बिहार

जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने पर लालू यादव ने बीजेपी को बिना नाम लिए करारा जवाब दिया है. दरअसल इसके आंकड़ों को लेकर बीजेपी हमलावर है और गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगा रही है. ऐसे में लालू यादव ने कहा है कि जो लोग जातीय गणना के खिलाफ हैं उनमें थोड़ा सा भी न्यायिक चरित्र नहीं है. दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बनाए रखने की कोशिश हो रही है.

जातीय गणना पर लालू यादव का बयान
जातीय गणना पर लालू यादव का बयान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2023, 6:07 PM IST

पटना:बिहार में जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद से इस पर सियासत जारी है. अब इसको लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी को करारा जवाब दिया है.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा है किजातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ हैं.

पढ़ें-Bihar Caste Survey : 'गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के असली शिष्य वही..' तेजस्वी यादव पर गिरिराज सिंह का पलटवार

'कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं'- लालू यादव: लालू ने आगे कहा है कि ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है. किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं. कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा.

'पूरे देश में कराएंगे':2 अक्टूबर को रिपोर्ट जारी होने पर लालू ने खुशी जतायी थी और कहा था कि ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने के लिए साथ ही हाशिए के समूहों को आबादी अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेगा. साथ ही लालू ने ये भी कहा था कि केंद्र में 2024 में हमारी सरकार बनेगी तो पूरे देश में जातिगत जनगणना कराएंगे.

तेजस्वी यादव ने भी दिया था करारा जवाब: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इससे पहले विपक्ष को करारा जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर शक है तो मोदी जी कहकर दोबारा से इसे करवा सकते हैं. साथ ही आंकड़ों की गड़बड़ी के आरोप पर उन्होंने कहा था कि आंकड़े बढ़ाना ही होता तो फिर सीएम नीतीश कुमार अपनी जाति के लोगों की संख्या बढ़ाकर पेश कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

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