हल्द्वानी: प्रदेश में बेलगाम नौकरशाही को लेकर समय-समय पर आवाज उठती रहती है. कई बार तो यह आवाज इतनी मुखर होकर सामने आई कि सरकार को ही असहज कर दिया. इन दिनों फिर उत्तराखंड की फिजा में नौकरशाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं. जब सत्ता पक्ष के विधायक की ही अधिकारी नहीं सुन रहे तो आम जनमानस का क्या होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
हरीश रावत को दी थी शिकस्त:लालकुआं में कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत (Congress leader Harish Rawat) को विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त देकर विधायक बने मोहन सिंह बिष्ट (Haldwani Lalkuan Indira Nagar Village) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार वे बेलगाम नौकरशाही की वजह से लाइम लाइट में हैं. विधायक ने अपने खर्चे से गौला नदी (Haldwani Gaula River) को चैनेलाइज किया है. बताते चलें कि पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के बाद गौला नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में नदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में भू-कटाव शुरू कर दिया है.
डीएम डीएफओ ने नहीं सुनी तो खुद नदी में उतरे विधायक मोहन अधिकारी नहीं सुनते बात:विधायक डीएम से लेकर डीएफओ और सीसीएफ को भी पत्र के माध्यम से नदी को चैनेलाइज करने के लिए गुहार लगा चुके हैं. लेकिन विधायक की इन अधिकारियों ने बात नहीं सुनी. अधिकारियों ने बजट नहीं होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए. ऐसे में विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने खुद मोर्चा संभालते हुए अपने खर्चे से गौला नदी को चैनेलाइज करने का काम कराना शुरू कर दिया है. दो पोकलैंड मशीन के माध्यम से नदी को चैनेलाइज (Gaula River Channelize) करने का काम करवा रहे हैं.
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क्या कह रहे विधायक:लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के चलते गौला नदी का जलस्तर बढ़ जाने से इंदिरा नगर गांव (Haldwani Lalkuan Indira Nagar Village) की ओर हो रहे भू-कटाव को देखते हुए अपने खर्चे से नदी में दो पोकलैंड मशीन ले जाकर स्वयं 1 किलोमीटर लंबा चैनल तैयार कराया. इन दिनों पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बारिश के चलते गौला नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है. नदी के तेज बहाव ने हाथी कॉरीडोर क्षेत्र में बनाया गया चैनल क्षतिग्रस्त कर दिया जिससे नदी का बहाव इंदिरा नगर गांव की ओर हो गया जिससे गांव को भारी खतरा पैदा हो गया है.
खुद नदी में उतरे लालकुआं विधायक पढ़ें-जानिए नौकरशाही के ACR मामले में क्या कह रहे राजनीतिक विशेषज्ञ, मंत्री मांग पर क्यों हैं मुखर अपने खर्चे से कर रहे चैनेलाइज:विधायक ने कहा कि इसको लेकर पिछले कई महीनों से डीएम, डीएफओ और मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं से पत्र लिखकर चैनेलाइज करने को कह चुके हैं. लेकिन बजट नहीं होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद मजबूरन अब जनता की मांग को देखते हुए मोर्चा संभालते हुए अपने निजी खर्चे से पोकलैंड मशीन को नदी में चैनेलाइज करने के लिए उतारा है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह से शाम तक नदी को चैनेलाइज करने का काम किया गया है, जो शनिवार यानि आज भी चलेगा. मोहन सिंह बिष्ट खुद नदी में उतरकर चैनलाइज करने के काम में लगे लोगों को निर्देशित कर रहे हैं.