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ललितेशपति के आगमन से यूपी की सियासत में ममता की होगी एंट्री ! - Laliteshpati joins TMC

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी का दामन थाम लिया है और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी से अपने सारे नाते तोड़ लिए हैं. बता दें कि ललितेश ने ममता बनर्जी व अन्य पार्टी पदाधिकारियों की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इसी के साथ अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ललितेश के टीएमसी में शामिल होने के बाद अब यूपी की सियासत में ममता बनर्जी की एंट्री होने वाली है.

ललितेश पार लगाएंगे अखिलेश की नैया
ललितेश पार लगाएंगे अखिलेश की नैया

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Published : Oct 27, 2021, 3:57 PM IST

वाराणसी :उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे प्रदेश की राजनीति में भी हर दिन एक नई तस्वीर सामने आ रही है. इसी के तहत एक नया फेरबदल उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों देखने को मिल रहा है, जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी से अपने सारे नाते तोड़ लिए हैं.

गौरतलब है कि ललितेशपति त्रिपाठी ने ममता बनर्जी व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. इसी के साथ कयास लगाए जा रहे हैं कि ललितेश के टीएमसी में शामिल होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में ममता बनर्जी की एंट्री होने वाली है, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा फेरबदल ला सकता है.

ललितेश को मिला टीएमसी का साथ

पूर्व मुख्यमंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी के पोते राजेशपति त्रिपाठी व पूर्व विधायक तथा उनके पुत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने बीते सोमवार को सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली थी. हालांकि, कुछ दिनों पहले ही ललितेश ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. ललितेश के टीएमसी में शामिल होते ही कांग्रेस से लगभग पांच पीढ़ियों का नाता उनके परिवार से टूट गया. इस बाबत ललितेशपति ने बताया कि उन्हें अब नेतृत्व करने का एक नया अवसर मिला है, जिससे निश्चित तौर पर वे एक नई राह तलाशएगें और पार्टी को सूबे में मजबूत बनाएंगे.

टीएमसी में शामिल हुए ललितेशपति त्रिपाठी

ममता जल्द कर सकती हैं काशी में चुनावी शंखनाद

सूत्रों की माने तो ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि 28 अक्टूबर को अपने गोवा दौरे के बाद ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी दस्तक दे सकती हैं, जहां वे पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाएगी. साथ ही बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेक कर चुनावी शंखनाद भी कर सकती हैं.

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कांग्रेस का गढ़ था ललितेश का परिवार

ललितेशपति त्रिपाठी का परिवार कांग्रेस का सबसे पुराना घराना था और लगभग 5 पीढ़ी से कांग्रेस से जुड़ा हुआ था. लेकिन 2017 में चुनाव हारने के बाद कहीं ना कहीं ललितेशपति अकेले पड़ गए थे, जिसके कारण वे पार्टी का साथ छोड़ दिए. ऐसा कहा जा रहा है कि युवाओं के लिए खासकर ब्राह्मण वर्ग के लिए ललितेश एक बड़ा चेहरा थे, लेकिन फिर भी पार्टी नेतृत्व उनको नजरअंदाज कर रहा था. यही वजह है कि ललितेश ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया.

एक नजर ललितेश के राजनीतिक सफर पर

ललितेशपति त्रिपाठी की बात करें तो कांग्रेस पार्टी से पहली बार 2012 में वे मड़िहान विधानसभा से जीत दर्ज किए. यह सीट हमेशा से कुर्मी बाहुल्य था और यहां पर पटेल वर्ग का कब्जा हुआ करता था. वहीं, 17वीं विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी रमाशंकर सिंह पटेल, ललितेशपति त्रिपाठी को शिकस्त देकर विधायक बने थे.

तो क्या ममता लगाएंगी सपा की नैया पार ?

हालांकि, ललितेश के टीएमसी में शामिल होते ही राजनीतिक विश्लेषक अब कयास लगा रहे हैं कि उनके जरिए ममता उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रवेश करेंगी और उनका झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ होगा. कहीं न कहीं ममता काशी से चुनावी शंखनाद कर अंदरखाने से समाजवादी पार्टी का साथ देंगी और अखिलेश यादव को मजबूत बनाएंगी.

बहरहाल ये आने वाला वक्त ही बताएगा कि टीएमसी का उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ने वाला है और क्या वाकई 2022 के चुनाव में ममता अखिलेश यादव की नैया पार लगाएंगी.

बता दें कि यूपी कांग्रेस के नेता (UP Congress leaders) राजेश पति त्रिपाठी (Rajesh Pati Tripathi) और ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) पश्चिम बंगाल की सीएम (West Bengal chief minister) ममता बनर्जी और पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हो गए हैं.

दोनों ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उनके तृणमूल कांग्रेस के पाले में आने की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं. आखिराकार 25 अक्टूबर को सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सिलीगुड़ी में दोनों नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी में उनका आधिकारिक स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्वीकार्यता बढ़ रही है.

सीएम ने कहा कि मैंने छठ पूजा के बाद उत्तर प्रदेश जाने का फैसला किया है. मैं अन्य जगहों पर भी जाऊंगी. मैं पश्चिम बंगाल में अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालूंगी.

इस मौके पर ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग राजनीतिक रूप से सतर्क हैं और उन्होंने हमेशा राज्य में नए राजनीतिक विकल्प स्थापित करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश की जनता अब ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस को मौका देगी.

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