त्रिची : तमिलनाडु के त्रिची जिले के लालगुड़ी से लापता बच्चे के संबंध में पुलिस ने बच्चा खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर बच्चा बरामद कर लिया है. घटना के बारे में बताया जाता है कि अवैध संबंध के चलते लालगुडी की जानकी ने सितंबर 2022 में एक बच्ची को जन्म दिया था. इसके बाद महिला ने मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उसका बच्चा गायब है. इस पर कोर्ट ने बच्चे का अपहरण मानते हुए उचित जांच का आदेश दिया. वहीं जांच के दौरान सामने आया कि बच्चे के जन्म के दौरान 17 सितम्बर के उस समय विवाद हुआ था जब महिला को डिलिवरी के लिए त्रिची के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इतना ही नहीं महिला डिलिवरी के पहले से ही अस्पताल से चली गई क्योंकि उसने बच्चे के पिता का नाम नहीं बताया था.
बाद में महिला ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया तब भी पिता का नाम नहीं बताया गया, तब इस बारे में चाइल्ड लाइन को जानकारी दी गई. इस पर महिला जानकी अपने दोस्त वकील प्रभु और प्रभु की दूसरी पत्नी के साथ अस्पताल से फरार हो गई. दूसरी तरफ अवैध संबंध से पैदा हुए बच्चे के कारण जानकी ने इसे पालने की अनिच्छा जताई और वकील प्रभु के जरिये बच्चे को बेचने को प्रयास करने लगी. वहीं, वकील प्रभु ने बाल तस्करी गिरोह से बातचीत कर बच्चे को 3.50 लाख रुपये में बेच दिया, लेकिन प्रभु ने बच्चे की मां को सिर्फ 80 हजार रुपए ही दिए. इस पर जानकी को पैसे देने में धोखा होने का अहसास होने पर उसने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बाद में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले में कोर्ट के आदेश हुई जांच के बाद जानकी, प्रभु, प्रभु दूसरी पत्नी शनमुगावल्ली, कार चालक आकाश और बच्चे को खरीदने और बेचने वाले वरायूर के एक दलाल कविता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.