दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

प्रशासक ने कभी लक्षद्वीप की संस्कृति को समझने की कोशिश नहीं की : सांसद

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने केंद्र सरकार से प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने पर तत्काल फैसला लेने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप का प्रशासक बनने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कभी भी द्वीपवासियों की संस्कृति और पारिस्थितिकी को समझने की कोशिश नहीं की.

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल
लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल

By

Published : May 31, 2021, 5:49 PM IST

नई दिल्ली :लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया कि प्रशासक प्रफुल्ल पटेल पिछले पांच महीनों में सिर्फ 15-20 दिन लक्षद्वीप में रहे होंगे और उन्होंने द्वीपवासियों की संस्कृति और पारिस्थितिकी को समझने की कोशिश नहीं की.

फैजल ने जोर दिया कि अगर केंद्र द्वीपसमूह से जुड़े विवादास्पद कानूनों को आगे बढ़ाता है तो कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा.

प्रशासक के तौर पर पटेल को वापस बुलाने की मांग कर रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता ने कहा कि मसौदा कानूनों का लक्षद्वीप समाज का हर तबका विरोध कर रहा है, यहां तक कि स्थानीय भाजपा नेता भी इसके खिलाफ हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि मसौदा कानून पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील द्वीपों पर विकास कार्य करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन है.

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में दिनेश्वर शर्मा के निधन के बाद पटेल को लक्षद्वीप के प्रशासक का प्रभार दिया गया था.

फैजल ने कहा कि पटेल स्थानीय लोगों या यहां तक कि उनके प्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा किए बिना 'वन-मैन शो' करने की कोशिश कर रहे हैं.

फैजल ने एक साक्षात्कार में कहा, 'वह (पटेल) पदभार संभालने के पांच महीने पूरे कर रहे हैं. इन पांच महीनों में द्वीपों पर उनकी मौजूदगी 15-20 दिन रही होगी. वह कभी भी द्वीप पर लोगों की चिंता, उनकी विरासत और संस्कृति को समझने के लिए नहीं गए.'

लोकसभा सांसद ने कहा कि पटेल ऐसे कानूनों पर जोर दे रहे हैं, जिससे द्वीपवासियों में रोष है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं.

इन कानूनों में गोहत्या पर प्रतिबंध, पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के लिए दो-बच्चे का मानदंड और रिसॉर्ट में शराब परोसने की अनुमति शामिल है.

लक्षद्वीप की प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से बहुत कम
'पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया' ने कहा कि दो-बच्चों का प्रस्तावित मानदंड 'आत्मघाती' है और सभी तर्कों के विपरीत है. एनजीओ ने रेखांकित किया कि 2019-2020 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार सर्वेक्षण के अनुसार, लक्षद्वीप की कुल प्रजनन दर 1.4 है, जो राष्ट्रीय औसत 2.2 से बहुत कम है और चिंता का विषय है.

फैजल ने कहा कि लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन (एलडीएआर) के मसौदे और लक्षद्वीप समाज विरोधी गतिविधियां निवारण नियमन (एलपीएएसएआर) को लेकर भी लोगों में आशंका है.

एलडीएआर का उद्देश्य द्वीपों पर शहरों के विकास की निगरानी करना है और इसके तहत भूमि को अधिग्रहण करने और इस्तेमाल करने के तरीकों में जबरदस्त बदलाव किए जा सकते हैं.

एलपीएएसएआर लोक व्यवस्था से संबंधित किसी भी तरीके का नुकसानदेह कार्य करने से रोकने के लिए किसी व्यक्ति को एक वर्ष तक हिरासत में रखने की शक्ति प्रदान करता है. स्थानीय लोगों के एक समूह ने अदालत में पहले ही मसौदा कानूनों को चुनौती दे दी है.

अदालतों का रुख करना होगा अगला विकल्प
फैज़ल ने कहा, 'अगर केंद्र प्रफुल्ल पटेल का समर्थन करता है, तो हमारे लिए अगला विकल्प हस्तक्षेप के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाना है. हम केंद्र को हमारी आवाज सुनाने और अपनी जायज मांगों पर विचार के लिए राजनीतिक रूप से इसका विरोध करना जारी रखेंगे.'

फैजल के मुताबिक, लक्षद्वीप जैसी जगह में प्रशासक अहम भूमिका निभाते हैं. अगर कोई अधिकारी गलती करता है, तो लोग अंतिम उपाय के तौर पर प्रशासक के पास ही जाते हैं. लेकिन ये सारे अत्याचार उस कुर्सी से हो रहे हैं और इससे लोगों को तकलीफ हो रही है.

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल : अलपन बंद्योपाध्याय बने मुख्य सलाहकार, एचके द्विवेदी अगले मुख्य सचिव

फैजल का कहना है कि उनके जीवन में ऐसा प्रशासक कभी नहीं आया और पहली बार केंद्र को दोषी ठहराया जा रहा है. केंद्र को इस पर तत्काल फैसला लेना चाहिए.

फैजल ने कहा कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का समय मांगा है.

उन्होंने रेखांकित किया कि पटेल का नाम दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की खुदकुशी मामले में सामने आया था. पटेल उस केंद्रशासित प्रदेश के भी प्रशासक हैं.

फैजल ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि केंद्र ऐसे व्यक्ति का समर्थन क्यों कर रहा है जो उसकी छवि खराब कर रहा है. वे क्यों बदनाम हो रहे हैं.'

(पीटीआई- भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details