नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (lakhimpur kheri violence) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. गुरुवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमान की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ करेगी.
गौरतलब है कि लखीमपुर मामले में दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए पत्र में कहा है कि गृह मंत्रालय को निर्देश दिया जाए. इसके अलावा यूपी पुलिस को भी प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई है. पत्र में अपील की गई है कि लखीमपुर खीरी कांड में शामिल मंत्रियों को दंडित करने के निर्देश दिए जाएं.
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पत्र में मांग की गई है कि लखीमपुर मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को शामिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए. लखीमपुर खीरी मामले में पत्र लिखने वाले वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने कहा है कि किसानों की मौत एक गंभीर मामला है, और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना ही चाहिए.
इससे पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी लखीमपुर मामले में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा, 'तीन अक्टूबर को खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयता पूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है.
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गांधी ने कहा, इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी की जयंती मनाई थी. अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है. उन्होंने पत्र में लिखा, आंदोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं.
इससे पहले गत 4 अक्टूबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर प्रकरण को लेकर परोक्ष टिप्पणी की थी. दरअसल, किसान महापंचायत ने शीर्ष अदालत से मांग की थी कि उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की परमिशन दी जाए. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं, तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है. प्रदर्शनकारी दावा करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होता है.