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लखीमपुर हिंसा : फॉर्च्यूनर वाले अंकित दास ने SIT के सामने किया सरेंडर

लखीमपुर हिंसा मामले में सह आरोपी अंकित दास ने बुधवार को एसआईटी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. दरअसल, पुलिस की ओर से क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिर होने का समन जारी किया गया था, जिसके बाद अंकित अपने गनमैन लतीफ और अधिवक्ताओं के साथ क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचा, जहां उसने आत्मसमर्पण कर दिया.

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Published : Oct 13, 2021, 5:18 PM IST

लखीमपुर खीरी : लखीमपुर हिंसा मामले में सह आरोपित अंकित दास ने बुधवार को एसआईटी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. दरअसल, पुलिस की ओर से उसे क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिर होने के लिए समन जारी किया गया था, जिसके बाद अंकित अपने गनमैन लतीफ और अधिवक्ताओं के साथ क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचा, जहां उसने आत्मसमर्पण कर दिया. इससे पहले मंगलवार को पुलिस को चकमा देकर मामले में एक अन्य अभियुक्त के साथ अंकित लखीमपुर के सिविल कोर्ट पहुंचा था, जहां उसने अपने अधिवक्ता के साथ मिलकर आत्मसमर्पण की अर्जी दाखिल की थी. इसके साथ ही लतीफ उर्फ काले ने भी एसआईटी के सामने आत्मसमर्पण किया है.

बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पुलिस अंकित दास को ढूंढने के लिए रविवार को लखनऊ के पुराना किला मोहल्ले में उसके घर पर भी पहुंची थी. लेकिन अंकित वहां मौजूद नहीं था. ऐसे में पुलिस ने उसके घरवालों से अंकित के बारे में पूछताछ की थी. अंकित दास की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की भी की थी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस के भारी दबाव के कारण अंकित कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ. अंकित आत्मसमर्पण करने के लिए अधिवक्ताओं के साथ पहुंचा था. वहीं, उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए अर्जी दाखिल की थी.

अंकित दास ने SIT के सामने किया सरेंडर

बताया जा रहा है कि वारदात में शामिल फॉर्च्यूनर कार भी अंकित की ही थी. लखीमपुर के तिकुनिया की इस घटना में तीन वाहनों का इस्तेमाल किया गया था और इसमें एक थार, दूसरी फॉर्च्यूनर और तीसरी स्कॉर्पियो शामिल हैं. वहीं, थार से चार किसानों को कुचलने के बाद वहां मौजूद किसानों की भीड़ ने थार और फॉर्च्यूनर को आग के हवाले कर दिया था, जबकि स्कॉर्पियो को लेकर आरोपी मौके से फरार हो गए थे.

दरअसल, अंकित दास कांग्रेस के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे हैं. अखिलेश दास यूपी में कांग्रेस के दिग्गज नेता हुआ करते थे और बाद में वो बसपा में शामिल हो गए थे. अखिलेश दास मनमोहन सिंह सरकार में इस्पात राज्यमंत्री भी रहे हैं. उसके बाद उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया था. बता दें कि अखिलेश दास का अप्रैल 2017 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.

एसआईटी ने अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के अलावा लवकुश और आशीष पाण्डेय को सात अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. चौथे आरोपी शेखर भारती को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. जिसे कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.

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