नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेगा. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कुछ किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण के इस तर्क पर गौर किया कि मामले के मुख्य गवाहों में से एक पर हमला हुआ था. प्रशांत भूषण ने कहा कि गवाह पर हमला करने वाले लोगों ने यह कहकर धमकी दी कि अब भाजपा जीत गई है, वे उसका ख्याल रखेंगे. उन्होंने कहा कि अन्य सह-आरोपी भी आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर जमानत की मांग कर रहे हैं. चीफ जस्टिस ( CJI) ने कहा कि वह उस पीठ का गठन करेंगे जिसने पहले मामले की सुनवाई की थी और इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
CJI, जस्टिस सूर्य कांत और हेमा कोहली की पीठ ने पहले उस घटना से संबंधित मामले की सुनवाई की थी जिसमें चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी और जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया था. 11 मार्च को शीर्ष अदालत ने मामले में मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दे दी थी. मिश्रा चार महीने हिरासत में बिताए थे.