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Landslide In Himachal: भूस्खलन की चपेट में आया लाहौल स्पीति का ये गांव, 12 घरों में आई दरारें, कई बीघा भूमि में भू धंसाव

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले का लिंडुर गांव इन दिनों लैंडस्लाइड की चपेट में हैं. लगातार हो रहे भूस्खलन से गांव के 12 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. वहीं, कई बीघा भूमि में भू धंसाव देखने को मिल रहा है. पढ़िए पूरी खबर...(Lahul Spiti Landslide) (Landslide in Himachal Pradesh) (Lindur village Landslide)

Lahul Spiti Landslide
भूस्खलन की चपेट में आया लिंडुर गांव

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2023, 4:55 PM IST

लाहौल स्पीति:हिमाचल में पिछले दिनों आई आपदा के बाद अब पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है. इसका असर अब जिला लाहौल स्पीति में भी देखने को मिल रहा है. लाहौल घाटी से के लिंडुर गांव में भूस्खलन से कई घरों में दरारें आ गई है. जिससे इनमें रहने वाले ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इतना ही नहीं लाहौल घाटी में कई बीघा जमीन भी लैंडस्लाइड की चपेट में आ गई है. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार और डीसी लाहौल स्पीति से जल्द से जल्द यहां पर भू-वैज्ञानिकों की टीम भेजने की मांग की है.

लिंडुर गांव के 12 घरों में आई दरार

लाहौल स्पीति जिले के लिंडुर गांव में लैंडस्लाइड से करीब 12 घरों में दरारें आ गई हैं. जिससे लोगों को किसी अनहोनी होने का डर सताने लगा है. ग्रामीणों सरकार से लाहौल स्पीति में भू-वैज्ञानिकों की टीम से सर्वे कराने की मांग की है. साथ ही जो ग्रामीण प्रभावित हुए हैं, उन्हें दूसरी जगह विस्थापित करने की मांग की है. इसी विषय को लेकर लाहौल घाटी के लोगों ने डीसी लाहौल स्पीति और मुख्यमंत्री को भी एक पत्र भेजा है.

घरों में आई दरार से ग्रामीणों में भय का माहौल

ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है कि जुलाई और अगस्त माह के दौरान लाहौल घाटी में भी बारिश हुई. जिससे लिंडुर गांव में कई बीघा कृषि भूमि भी क्षतिग्रस्त हुई है. इसके अलावा कृषि भूमि और गांव के बीच से गुजरने वाले रास्तों में दरारें आ गई है. गांव में 12 घरों की दीवारों और फर्श में दरारें आ गई है. जिसके चलते घरों में सोने से भी अब लोग डर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अब लाहौल घाटी में कभी भी बर्फबारी हो सकती है और बर्फ के वजन के चलते भी घरों को नुकसान हो सकता है.

घरों में दरारें आने से ग्रामीण बाहर सोने को मजबूर

ग्रामीणों का कहना है कि लिंडुर गांव में करीब 90 लोग रहते हैं, लेकिन घरों में दरारें और भूस्खलन के चलते लोग अपनी घरों से बाहर सो रहे हैं. अगर अब जल्द ही लिंडुर गांव में भूस्खलन को नहीं रोका गया तो बाकी बची हुई भूमि भी भूस्खलन की चपेट में आ जाएगी. उनका कहना है कि 200 बीघा कृषि भूमि में दरारें आई हैं और कई बीघा भूमि भूस्खलन में रह गई है. ऐसे में अब ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कई बीघा भूमि में भू धंसाव

लाहौल घाटी के ग्रामीण सुभाष कपूर, केएस क्रोफा, पीएस शर्मा, पी रावल, बीएस राणा का कहना है कि अब सरकार को जल्द से जल्द यहां पर भूवैज्ञानिकों की टीम को भेजें और इस बात का पता लगाया जाए कि आखिर क्यों पूरे इलाके में भूस्खलन हो रहा है. वही, इस भूस्खलन को रोकने के लिए भी जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए. ताकि यहां रहने वाले लोग आराम से अपने घरों में जीवन व्यतीत कर सके.

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