नई दिल्ली : भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख से संबंधित शेष मुद्दों के समाधान को लेकर रविवार को सैन्य स्तर की वार्ता के दौरान खुलकर और गहन चर्चा की तथा परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए (india china agree to work out mutually acceptable solution). हालांकि, तीन वर्षों से जारी सीमा गतिरोध के समाप्त होने की दिशा में स्पष्ट रूप से आगे बढ़ने को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं.
विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर और गहन चर्चा की.
मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए.' बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए.
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके.' गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है.
मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों देशों के नेताओं और मार्च 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप मुक्त रूप से और स्पष्ट चर्चा हुई.' इसमें कहा गया है कि अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सुरक्षा एवं स्थिरता बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की.
जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में संघर्ष के शेष क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान पर जोर दिया. वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीजिंग में कहा कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों का तेजी से समाधान निकालने को लेकर गहराई से विचारों का आदान- प्रदान किया.