नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर पर बुधवार को लद्दाख के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित वहां के आम लोगों ने इस केंद्र शासित क्षेत्र को राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए नारे लगाए. यह प्रदर्शन 'लेह एपेक्स बॉडी' और 'कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस' द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचेगी.
लद्दाख के लोगों को किये वादे पूरा करने में नाकाम रहने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए 2018 में इस्तीफा दे चुके पूर्व सांसद थुपस्तन छेवांग ने कहा, 'हमारी परंपरा, अस्मिता, संसाधन और सुरक्षा आज दाव पर है। हमारी मांग बहुत सामान्य है, हम चाहते हैं कि राज्य का दर्जा प्रदान कर लद्दाख में लोकतंत्र बहाल किया जाए.' उन्होंने कहा कि लद्दाख पारिस्थितकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र है और स्थानीय लोगों से संपर्क किये बगैर विकास गतिविधियां करना नुकसानदेह होगा.
उन्होंने कहा, 'एक बड़े सौर परियोजना की योजना बनाई गई है, लेकिन इसके लिए चिह्नित इलाका घुमंतू लोगों का है, जो पशमीना ऊन का उत्पादन करने के लिए जाने जाते हैं. यह उन्हें विस्थापित कर देगा क्योंकि उनकी चारागाह भूमि उनसे छीन जाएगी.' पर्यावरण कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के अपने वादे से पीछे हट रही है.