नई दिल्ली: शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं बच्चों के बीच आहार विविधता की कमी तथा वसा एवं तेल युक्त चीजों के सेवन में वृद्धि और हरी सब्जियों का सेवन कम किए जाने के चलते सूक्ष्म पोषक तत्व संबंधी समस्याओं में वृद्धि हो रही है.
संगठन 'न्यूट्रिशन इंटरनेशनल इंडिया' की अधिकारी मिनी वर्गीज ने कहा कि पोषक तत्व युक्त आहार से समझौते के मुख्यत: दो कारण हैं.
उन्होंने कहा कि पहला कारण यह है कि हरी सब्जियों का उत्पादन सामान्य तौर पर मौसमी होता है जिससे उपयोग प्रक्रिया और समूचे पोषण परिणाम प्रभावित होते हैं. दूसरा यह कि घरों में परिवारों की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि पुरुषों को आम तौर पर आहार की गुणवत्ता और मात्रा, दोनों के मामले में प्राथमिकता मिलती है.
वर्गीज ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर वर्तमान में चल रहे आहार संबंधी कार्यों के संदर्भ में कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों की लंबाई, वजन सहित महत्वपूर्ण वृद्धि मानकों पर अधिक निगरानी रखने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पोषक तत्व युक्त आहार की कमी का एक और कारण संबंधित पोषण कार्यक्रमों में खामियों का है.