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Kurmi organization: अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग पर कुर्मी संगठन ममता सरकार के साथ बैठक करेगा

पश्चिम बंगाल में कुर्मी समुदाय के द्वारा आंदोलन चलाए जाने के बाद सरकार की ओर से बातचीत के लिये बुलाया गया है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय की ओर से आंदोलन चलाया.

Kurmi organization will hold meeting with Mamta government on the demand of inclusion in scheduled caste
अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग पर कुर्मी संगठन ममता सरकार के साथ बैठक करेगा

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Published : Apr 10, 2023, 2:11 PM IST

झारग्राम: बंगाल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कुर्मी समुदाय के लोगों ने पांचवे दिन राज्य के कुछ हिस्सों से रेल नाकाबंदी वापस ले ली और कहा कि उन्होंने सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर से भी अवरोध हटा दिये हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खेमासुली में सड़क नाकेबंदी में ढील देने का फैसला राज्य सरकार द्वारा ‘कुर्मी समाज पश्चिम बंगाल’ के पदाधिकारियों को एक पत्र भेजे जाने के बाद लिया गया, जिसमें उन्हें 11 अप्रैल को दोपहर में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है.

राष्ट्रीय राजमार्ग-6 कोलकाता को मुंबई से जोड़ता है. ‘कुर्मी समाज पश्चिम बंगाल’ के अध्यक्ष राजेश महतो ने बताया कि 11 अप्रैल को राज्य सरकार के साथ निर्धारित बैठक के समापन तक यह ढील लागू रहेगी. उन्होंने कहा, 'हम मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए सहमत हैं और मुख्य सचिव के साथ हमारी बातचीत के समापन तक सड़क नाकेबंदी में ढील दी गई है. हम चर्चा के बाद अपने आंदोलन का रास्ता तय करेंगे.'

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उन्होंने कहा कि कुर्मी संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कुछ घंटों के लिए नाकेबंदी में ढील दी थी, लेकिन आज सुबह फिर से इसे बहाल कर दिया गया.
वहीं, दक्षिण पूर्व रेलवे ने एक बयान में कहा कि आद्रा डिवीजन के कुस्तौर स्टेशन और खड़गपुर डिवीजन के खेमासुली स्टेशन पर पांच अप्रैल से जारी रेल नाकाबंदी को रविवार को वापस ले लिया गया. बयान के मुताबिक, दोनों रेलवे स्टेशनों पर नाकाबंदी के कारण पांच अप्रैल से लगभग 500 एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुर्मी संगठन, अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दिए जाने और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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