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29 साल बाद पाकिस्तानी जेल से लौटा कुलदीप: कहा, यह मेरे लिए दूसरा जन्म - spending about 29 years in a Pakistani jail

कठुआ के कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh from Kathua) करीब 29 साल पाकिस्तानी जेल में बिताने (spending about 29 years in a Pakistani jail) के बाद स्वदेश लौटे. उन्होंने कहा, 'घर लौटना दूसरे जन्म लेने से कम नहीं है.'

Kuldeep Singh from Kathua returns from Pakistani jail
29 साल बाद पाकिस्तानी जेल से लौटे कुलदीप ने कहा, घर लौटना दूसरे जन्म लेने से कम नहीं

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Published : Dec 28, 2021, 7:36 AM IST

जम्मू-कश्मीर: कठुआ के कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh from Kathua) करीब 29 साल पाकिस्तानी जेल में बिताने (spending about 29 years in a Pakistani jail) के बाद स्वदेश लौटे. उन्होंने कहा, 'घर लौटना दूसरे जन्म लेने से कम नहीं है.' कठुआ के कुलदीप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'सीमा पर काम करते हुए रास्ता भटक गया था. पाक में जो भी गिरफ्तार होता है, उसे जासूस समझते हैं, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ.

कुलदीप सिंह ने सरकार से उन लोगों की रिहाई की व्यवस्था करने का आग्रह किया, जिन्होंने वहां (पाकिस्तानी जेल में) अपनी शर्तें पूरी कर ली हैं और रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान की जेल में 29 साल बिताने के बाद कुलदीप सिंह पिछले दिनों स्वदेश लौट आया. कठुआ निवासी कुलदीप सिंह को यकीन नहीं हो रहा है कि वह अपना वतन लौट आया है. वह इस खुशी का इजहार नहीं कर पा रहा है. इतने लंबे समय तक पाकिस्तानी जेल में बिताने के दौरान उसे ऐसा लगने लगा था कि शायद अब वो कभी अपना वतन नहीं लौट पाएगा. शायद यही वजह है जब वह अपना घर पहुंचा तो मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसका अपने घर लौटना दूसरे जन्म लेने से कम नहीं है.

कठुआ के कुलदीप सिंह

पाकिस्तान की जेल में 29 साल बिताने के बाद स्वदेश लौटे कठुआ निवासी कुलदीप सिंह का यहां अपने गृहनगर में जोरदार स्वागत किया गया. उन्होंने युवाओं से कहा कि वे देश के लिए किसी भी प्रकार का बलिदान देने से कभी पीछे न हटें. पाकिस्तान ने सिंह (53) को औरंगाबाद के मोहम्मद गुफरान के साथ सोमवार को रिहा कर दिया था और वे स्वदेश वापसी के बाद पंजाब के गुरु नानक देव अस्पताल में रेड क्रॉस भवन पहुंचे थे.

कठुआ के कुलदीप सिंह

सिंह ने कहा कि 1992 में उनकी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी एजेंसियों ने उन्हें तीन साल तक प्रताड़ित किया. उन्हें कथित जासूसी के आरोप में एक अदालत में पेश किया गया और बाद में उन्हें 25 साल कैद की सजा सुनाई गई. कठुआ के बिलावर स्थित मकवाल गांव के रहने वाले सिंह का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया. उनकी प्रशंसा में पटाखे जलाए और देशभक्ति से ओत-प्रोत नारेबाजी की.

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे सभी दोस्तों, ग्रामीणों और विशेष रूप से युवाओं को मेरा संदेश है कि वे गलत रास्तों से दूर रहें, जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं. लेकिन, जब देश के लिए कोई बलिदान देने की बात आती है, तो कभी पीछे न हटें.' उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि पाकिस्तान में सिंह की गिरफ्तारी के बाद, उनके ठिकाने के बारे में तब पता चला जब उन्होंने लाहौर की कोट लखपत जेल से उन्हें पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के बाद पिछले आठ वर्षों से कुलदीप सिंह के साथ कोई संपर्क नहीं होने के कारण उन्होंने सारी उम्मीदें खो दी थी. सरबजीत को जासूसी का भी दोषी ठहराया गया था. एक रिश्तेदार ने कहा, 'हमें खुशी है कि वह इतने सालों के बाद वापस हमारे बीच आए हैं.'

(इनपुट-भाषा)

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