बेंगलुरू : कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने घोषणा की थी कि विनायक चतुर्थी के बाद वे पार्टी को मजबूत करने के लिए राज्यव्यापी दौरे पर जाएंगे. येदियुरप्पा का यह एकतरफा फैसला पार्टी को रास नहीं आया क्योंकि उन्हें डर है कि यह पार्टी को मजबूत करने के बजाय वन-मैन शो बन जाएगा.
हालांकि भाजपा के राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि येदियुरप्पा एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें दौरे पर जाने की अनुमति की आवश्यकता नहीं है. सूत्रों ने कहा कि येदियुरप्पा के लिए पार्टी की अलग योजनाएं हैं. पार्टी को यह भी आशंका थी कि येदियुरप्पा इस दौरे का इस्तेमाल अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र के लिए कर सकते हैं.
केंद्रीय नेतृत्व ने कहा कि इससे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के सुचारू कामकाज पर असर पड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि दावणगेरे में होने वाली पार्टी की कोर कमेटी और कार्यकारी समिति की बैठकों में 18 व 19 सितंबर को इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अगले विधानसभा चुनावों में बोम्मई के नेतृत्व में पार्टी को बहुमत दिलाने की घोषणा के बाद येदियुरप्पा नरम पड़ गए हैं. जिससे येदियुरप्पा को स्पष्ट संकेत मिला कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन में भविष्य में उनकी कोई भूमिका नहीं होगी.