बेंगलुरु:कर्नाटकसाबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) को रसायनों की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों को अनुबंध देने के लिए रिश्वत लेने के आरोपी केएसडीएल के अध्यक्ष मदल विरुपक्षप्पा को हाईकोर्ट ने सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है. यानी मदल विरुपक्षप्पा को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत मिल गई है.
यह आदेश न्यायमूर्ति के नटराजन की पीठ ने पारित किया. न्यायाधीश वीरुपपक्षप्पा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. कोर्ट ने आदेश मिलने के 48 घंटे के भीतर जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के नोटिस के साथ सुनवाई 17 मार्च तक के लिए स्थगित कर है.
साथ ही पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगर जांचकर्ता विरुपक्षप्पा को गिरफ्तार करते हैं तो उन्हें पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर रिहा किया जा सकता है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जांच अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज कर ली. उन्होंने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता का मामले से कोई लेना-देना नहीं है. इस बिंदु पर विचार करते हुए पीठ ने अग्रिम जमानत दे दी.
ये है मामला :मदल विरुपक्षप्पा चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक होने के साथ ही केएसडीएल के अध्यक्ष हैं. आरोप है कि जिस ठेकेदार को केमिकल सप्लाई का ठेका दिया गया था, उसे ठेका देने के लिए उसने 80 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई. इसी क्रम में जब मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे मदल प्रशांत को 40 लाख रुपये मिल रहे थे, तब लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा. बाद में लोकायुक्त पुलिस ने प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने विरुपक्षप्पा और उनके बेटे के चेन्नागिरी स्थित कार्यालय, मकान और घर में छापेमारी कर नकदी जब्त की और जांच जारी रखी.