प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्म भूमि शाही ईदगाह परिसर का सर्वे कराए जाने की मांग में दाखिल हिंदू पक्ष की अर्जी मंजूर कर ली है. सर्वे कराए जाने, कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति तथा सर्वे की शर्तों को लेकर अदालत 18 दिसंबर को सुनवाई करेगी. श्री कृष्ण विराजमान और अन्य की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने दिया है.
अदालत का कहना था कि कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति से दोनों पक्षों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. विपक्षी भी सर्वे में हिस्सा ले सकते हैं और यदि कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से वे सहमत नहीं हैं तो उस पर आपत्ति दाखिल कर सकते हैं. अदालत का कहना था कि कोर्ट कमिश्नर विश्वसनीय साक्षी होते हैं और वाद के विचारण के समय उनको साक्ष्य के लिए बुलाया जा सकता है.
कोर्ट ने विपक्षी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य पक्षकारों की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें परिसर का सर्वे नहीं कराए जाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को नहीं माना कि सिविल सूट 2020 में दाखिल किया गया, जबकि सर्वे कराने की अर्जी उसके 3 साल बाद 2023 में दाखिल की गई.
अदालत का कहना था कि कोर्ट कमिश्नर की जांच के दौरान परिसर की सुचिता बनाए रखने और ढांचे को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचने का कड़ा आदेश पारित किया जा सकता है. हिंदू पक्ष की ओर से यह दलील दी गई कि कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ जमीन श्री कृष्ण विराजमान की है तथा इसे लेकर 12 अक्टूबर 1968 को हुआ समझौता अवैध है. इस समझौते को रद्द करने की मांग की गई थी. यह भी कहा गया कि कटरा केशव देव के मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से अदालती विवाद चल रहा है, जिसमें पूर्व में हिंदुओं के पक्ष में फैसला भी हो चुका है.