तिरुवनंतपुरम :चुनावी मौसम और चुनावी मौसम के बाद भी कांग्रेस को एक के बाद झटके लगते जा रहे हैं. वहीं, अब कांग्रेस के शीर्ष नेता के.पी. अनिल कुमार, जिन्होंने पार्टी के साथ 43 सालों तक काम किया, मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और माकपा में शामिल हो गये. कुमार कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव थे और उन्होंने चार राज्य कांग्रेस अध्यक्षों, रमेश चेन्नीथला, वी.एम. सुधीरन, एम.एम. हसन और मुल्लापल्ली रामचंद्रन के साथ महासचिव के रूप में कार्य किया.
यहां मीडिया से बात करते हुए कुमार ने कहा कि उन्होंने चार साल की उम्र में कोझीकोड में स्वतंत्रता सेनानी अपने दादा का हाथ पकड़कर कांग्रेस पार्टी में एंट्री ली और पार्टी के लिए प्रचार किया.
कुमार ने कहा, 43 लंबे वर्षों तक मैंने पार्टी के लिए काम किया. मैंने केएसयू (कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग) के साथ एक पदाधिकारी के रूप में शुरूआत की थी और फिर 2002 से 2007 तक युवा कांग्रेस अध्यक्ष रहा. केवल कांग्रेस की विचारधारा को जानता था और कड़ी मेहनत करता था और जब मेरे साथ बुरा व्यवहार किया गया, तब भी मैं चुप रहा और अब मुझे लगता है कि मेरा समय खत्म हो गया है. कांग्रेस पार्टी की नींव हिल गई है और हमारे पास केरल में पार्टी का एक नया नेतृत्व है और मुझे लगता है, मेरा पार्टी को छोड़ने का समय हो गया है और मैं कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा हूं. अब मैं माकपा पार्टी मुख्यालय जा रहा हूं, जहां से मैं एक सार्वजनिक व्यक्ति के रूप में अपना काम जारी रखूंगा, क्योंकि यह एक ऐसी पार्टी है जो धर्मनिरपेक्ष है और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कायम रखती है.
कोझीकोड के रहने वाले कुमार को 2011 में कोइलैंडी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट दी गई थी, लेकिन वह हार गए और 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों में, भले ही उनका नाम सूची में था, आखिरी समय में उन्हें हटा दिया गया था.
जब से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य के. सुधाकरन को राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और वी.डी. सतीसन विपक्ष के नेता, कुमार जैसे कुछ वरिष्ठ नेता रहे हैं, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है.
पार्टी छोड़ने के दौरान उन्होंने पार्टी के नेता वेणुगोपाल पर भी कई आरोप लगाए. कुमार ने कहा, जब से केसी वेणुगोपाल (एआईसीसी महासचिव-संगठन) ने पार्टी की केरल इकाई को बड़े पैमाने पर संभाला है, तब से चीजें बद से बदतर होती चली गई हैं. जब से उन्होंने पदभार संभाला है तब से सब कुछ खराब हो गया है और वह इस बात पर अड़े हैं कि सब कुछ उनके ज्ञान के साथ होना चाहिए और वह कांग्रेस पार्टी में वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार व्यक्ति होंगे.
माकपा मुख्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि माकपा में उनका आगमन बिना किसी शर्त के है.