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राजस्थानः थाने में आत्मदाह के प्रयास का मामला, राधेश्याम की दिल्ली एम्स में मौत

पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर 15 सितंबर को खंड गावडी निवासी राधेश्याम मीणा ने खुद को आग लगा (Kota Self Immolation Case) ली थी. मंगलवार को दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान राधेश्याम की मौत (Radheshyam dies in Delhi AIIMS) हो गई.

Kota Self Immolation Case, Radheshyam dies in Delhi AIIMS
राधेश्याम की दिल्ली एम्स में मौत.

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Published : Sep 20, 2022, 4:17 PM IST

कोटा.जिलेके नयापुरा थाना में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर 15 सितंबर को खंड गावडी निवासी राधेश्याम मीणा ने खुद को आग लगा (Kota Self Immolation Case) ली थी. इस मामले में पहले उसे पुलिसकर्मी आग बुझा कर एमबीएस अस्पताल ले गए थे, जहां से 15 सितंबर की देर रात को ही जयपुर रेफर कर दिया था. वहीं, 17 सितंबर देर रात को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएमएस अस्पताल जयपुर से दिल्ली एम्स भेज दिया था, जहां पर उपचार के दौरान मंगलवार को राधेश्याम की मौत (Radheshyam dies in Delhi AIIMS) हो गई.

कोटा के नयापुरा थाने के सीआई रामकिशन का कहना है कि हमें भी इस तरह की सूचना मिली है. राधेश्याम के मामा के लड़के जोधराज का कहना है कि दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई और अब पोस्टमार्टम के लिए उनकी बॉडी को ले जाया जा रहा है. इस दौरान उनकी पत्नी अंतिमा भी दिल्ली में ही मौजूद है. राधेश्याम के दोनों बच्चे अलीशा और शिवम कोटा ही हैं.

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पार्षद को मिल गई थी जमानत- राधेश्याम के आत्मदाह मामले में पुलिस ने घटना के बाद ही कार्रवाई शुरू कर दी थी और 16 सितंबर को क्रॉस केस दर्ज कर लिए गए थे. जिसमें एक मुकदमा राधेश्याम की तरफ से पार्षद हरिओम सुमन, उसके दोस्त अमित खिल्लीवाल और हितेश शर्मा के खिलाफ दर्ज किया गया था. यह मुकदमा एससी एसटी एक्ट और अन्य धाराओं में दर्ज था. जबकि राधेश्याम मीणा के खिलाफ हरिओम सुमन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में पार्षद हरिओम सुमन सहित तीनों आरोपियों को 17 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया. जहां से उसे 30 सितम्बर तक जेल भेज दिया था. हालांकि, इसके बाद पार्षद हरिओम सुमन और अन्य पार्षदों की जमानत याचिका पर 19 सितंबर को सुनवाई हुई थी. जिस पर न्यायालय ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया.

सोशल मीडिया पोस्ट से लेकर शुरू हुआ था झगड़ाःराधेश्याम के आत्मदाह मामले में सामने आया था कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के चलते उसका विवाद शुरू हुआ था. राधेश्याम ने कुछ दिन पहले क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन के लिए काम नहीं करवाने और बिजली के पोल और अन्य समस्याओं को लेकर पोस्ट डाल दी थी. इसके साथ ही स्कूल में बेटी अलीशा ने नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप एग्जाम पास किया था. इसके लिए उसे आठवीं बोर्ड की मार्कशीट के साथ आवेदन करना था, लेकिन मार्कशीट स्कूल से नहीं मिली थी. जब स्कूल में उसने मांगा, तो स्कूल ने मार्कशीट बोर्ड से आने से इनकार कर दिया. साथ ही कहा था कि रोल नंबर के जरिए ईमित्र से निकलवा लें, रोल नंबर मांगने के दौरान टीचर ने उसे सभी गावड़ी के बच्चों को एक जैसा होने की बात कह दी थी. इस बात से नाराज होकर राधेश्याम ने 2 सितंबर को स्कूल से बच्ची को निकलवाने की धमकी स्कूल के सोशल मीडिया ग्रुप में दे दी थी. इसको लेकर वह लगातार स्कूल के टीचर्स को भी फोन कर रहा था.

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शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं करने से था आक्रोशितः राधेश्याम ने क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन और उसके दो अन्य साथियों पर मारपीट का आरोप लगाया था. जिसमें पुलिस को शिकायत दी थी कि वह घर पर मौजूद था इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद हरिओम सुमन सोशल मीडिया पोस्ट से नाराज होकर उसके घर पर मारपीट करने पहुंचा है. राधेश्याम का आरोप था कि इस मामले में वह लगातार थाने में जा रहा था. लेकिन उसकी सुनवाई नहीं होने का आरोप परिजन लगा रहे हैं. वहीं हरिओम सुमन ने भी इसी संबंध में शिकायत दी थी. लगातार थाने के चक्कर काट कर हरिओम सुमन परेशान हो गया था. इसी के चलते उसने पेट्रोल डालकर थाने में ही आग लगा ली. राघेश्याम ने 15 सितंबर शाम करीब 7:45 बजे थाने पर पहुंचा. थाने के बाहर गाड़ी खड़ी की. बाइक से पेट्रोल निकालकर अपने ऊपर उड़ेल लिया और थाने के अंदर परिसर में जाकर खुद को आग लगा ली, इस दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग को बुझाया और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया था.

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