कोलकाता: शातिर अपराधियों से राज उगलवाना आसान नहीं है. अमूमन ऐसे अपराधियों से सच निकलवाने के लिए पुलिस पिटाई का सहारा लेती है, लेकिन मानव अधिकार आयोग के दबाव में इसका चलन व्यवहारिक नहीं है. ऐसे में कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) पूछताछ के लिए अमेरिका और नीदरलैंड पुलिस जैसी तकनीक इस्तेमाल करने की योजना बना रही है (Kolkata Police to borrow interrogation style from US and Netherlands).
शातिर अपराधियों या अभियुक्तों के साथ दुर्व्यवहार और डराने की नीति अभी भी भारतीय पुलिस के मुख्य हथियारों में से एक है. डराने-धमकाने की प्रथा को दूर करके कोलकाता पुलिस विदेशी पुलिस बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पूछताछ की तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है.
कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक देश में हर साल जांच एजेंसियों की बैठक होती है. बैठक में मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा की जाती है कि अपराधियों या किसी भी मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कैसे की जानी चाहिए.
कोलकाता पुलिस और अमेरिकी पुलिस के पूछताछ के तरीके में काफी अंतर है. यही कारण है कि कोलकाता पुलिस अमेरिकी तकनीक सीखने की योजना बना रही है.
दोस्ताना तरीके से पूछताछ करती है अमेरिकी पुलिस :पुलिस की पूछताछ की मूल शर्त आरोपी को थाने में बुलाना और दोस्ताना तरीके से सवाल पूछना है. पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिए जाने के बाद अपराधियों या अभियुक्तों से दोस्ताना तरीके से पूछताछ करना अमेरिकी पुलिस शैली है.
दरअसल जांच अधिकारियों को आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए अभियुक्त या अपराधी का विश्वास हासिल करना होता है. इस संबंध में कोलकाता पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, आरोपी से नरम लहजे में बात करने और गरिमापूर्ण तरीके से बात करने से विश्वास हासिल किया जा सकता है.
अपराधी या अभियुक्त के मन में अपराध के रहस्य पर प्रकाश डालना संभव है. इससे मानवाधिकारों के उल्लंघन का कोई सवाल ही नहीं होगा. इस प्रक्रिया में अपराधियों या अभियुक्तों से दोस्ताना तरीके से पूछताछ करने की शैली आवश्यक है. अगर इस तकनीक को धैर्य के साथ अपनाया जाए तो अपराधी या अभियुक्त को बिना शारीरिक नुकसान पहुंचाए उससे राज़ बाहर लाना संभव है. हालांकि, इस संबंध में फिर से आईपीएस समुदाय के एक वर्ग का दावा है कि अमेरिका और भारत के अपराध और अपराधियों में काफी अंतर है.
नतीजतन, विभिन्न अपराधों के मामले में अभियुक्तों के साथ मित्रवत व्यवहार करने के बजाय पूरी घटना को धीमी गति से समझना बेहतर है. हालांकि, कोलकाता पुलिस की पूछताछ तकनीक का दावा है कि आरोपी को पीटने की प्रथा को पहले ही खत्म कर दिया गया है.
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