नई दिल्ली:असम के कोच राजबोंगशी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने और अलग कामतापुर राज्य के गठन की अपनी मांग को दोहराते हुए कोच राजबंशी समुदाय के नेताओं ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. ऑल कोच राजबंशी स्टूडेंट्स यूनियन (AKRSU), चिलराई सेना और कोच राजबोंगशी महिला संघ के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) को एसटी और अलग कामतापुर राज्य की मांग को प्रमाणित करते हुए दस्तावेज प्रस्तुत किए.
इस संबंध में ऑल कोच राजबंशी स्टूडेंट्स यूनियन (AKRSU) के अध्यक्ष खितीश बर्मन ने ईटीवी से भारत से बातचीत में कहा कि यह मांग लंबे समय से लंबित है. उन्होंने कहा कि 1967 से चली आ रही मांग पर 1996 में राष्ट्रपति के द्वारा चार अध्यादेशों की घोषणा के बाद भी कोच राजबंशी के लिए एसटी से संबंधित विधेयक संसद में पारित नहीं किया जा सका था.
बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक असम में कोच राजबोंगशी की कुल आबादी 4,60,866 है. हालांकि अन्य राज्यों में रहने वाले कोच राजबोंगशी समुदाय के लोगों को एसटी का दर्जा मिला है, लेकिन असम में उन्हें एसटी श्रेणी से बाहर रखा गया है. हालांकि केंद्र सरकार ने जनवरी 2019 में राज्यसभा में बिल पेश कर असम के छह समुदायों (कोच राजबोंगशी सहित) को एसटी का दर्जा देने की पहल की है. छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए असम में आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है.