हैदराबाद :अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को विश्वभर में (World Habitat Day) 'विश्व पर्यावास दिवस' मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बस्तियों की स्थिति और पर्याप्त आश्रय के लिए सभी बुनियादी अधिकार पर जोर देना है. 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य दुनिया को मानव अवास के लिए भविष्य के लिए उसकी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाना भी है.
विश्व पर्यावास दिवस' की शुरुआत
आपको बता दें, 'विश्व पर्यावास दिवस' पहली बार 1986 में नैरोबी मेजबान शहर में 'आश्रय मेरा अधिकार है' थीम के साथ मनाया गया था. हर साल विश्व पर्यावास दिवस की एक नई थीम होती है, जो सभी के लिए पर्याप्त आश्रय सुनिश्चित करने वाली सतत विकास नीतियों को बढ़ावा देने के लिए यूएन-हैबिटेट के जनादेश पर आधारित होती है.
'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर'
'संयुक्त राष्ट्र' के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक:-
इस साल 2023 'विश्व पर्यावास दिवस' की थीम 'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर' है. जिसमें इस पर विचार विमर्श किया जाएगा कि अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निवासियों के लाभ के लिए किस प्रकार स्थापित कर सकते हैं. इस वर्ष के 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य शहर के विभिन्न हितधारकों को एक साथ बुलाकर वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के नकारात्मक आर्थिक झटकों और संघर्षों के बाद शहरों को पुनर्प्राप्ति के लिए कैसे तैयार किया जा सकता है, उन तरीकों पर चर्चा करना है.
आज के दौर में शहर जिन आर्थिक मंदी से जूझ रहा है उसके विभिन्न आयामों पर चर्चा करना और उन कार्यों की पहचान करना जिससे शहर की आर्थिक व्यवस्था में सुधार हो सकें. विभिन्न शहरों के बीच अनुभव साझा करना कि वे कर्ज के दबाव और अन्य कठिन वैश्विक वित्तीय स्थितियों से निपटने के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं.