गोपालगंज:4 साल का एक मासूम अनुज कुमार दो महीने पहले अपने ननिहाल आया था. नाना मुनिंद्र प्रसाद के घर कुचायकोट थाना क्षेत्र (Kuchaikote Police Station Area) के खजूरी पूर्व टोला गांव में घर के बाहर खेल रहा था. अचानक जहरीले सांप ने बच्चे के पैर में काट लिया. बच्चा चिल्लाने लगा और अपनी मां को घटना की जानकारी दी. सांप के डसने की बात सुनते ही मां किरण देवी काफी डर गयीं लेकिन तभी लोगों की नजर विषैले सांप पर पड़ी. बच्चे को काटने के महज 30 सेकेंड के अंदर ही जहरीला सांप ने (Snake Died after biting Child In gopalganj ) दम तोड़ दिया.
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सांप की मौत से सभी हैरान: परिजनों ने आनन फानन में मरे हुए सांप को एक डिब्बे में बंद किया और अनुज को उठाकर सदर अस्पताल पहुंच गए, जहां अनुज का डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया लेकिन डॉक्टरों को भी हैरानी हो रही है कि इतने जहरीले सांप के काटने के बाद भी बच्चा सही सलामत है और सांप की मौत हो गई. विषेशज्ञों का कहना है कि यह जहरीला सांप गेहुअन (इंडियन कोबरा) था. यह सांप काफी जहरीला होता है. इसे नाग भी कहा जाता है. इसके काटने से इंसान का बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है. एक वयस्क नाग की लंबाई 1 मीटर से 1.5 मीटर (3.3 से 4.9 फीट) तक हो सकती है.
बोले विशेषज्ञ- 'मां के दूध ने बचायी बच्चे की जान':जंतु विज्ञानी एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सुनीता कुमारी शर्मा ने बताया कि "बच्चे के अंदर इम्यूनिटी पावर काफी मजबूत होती है. मां के दूध में T लिंफोसाइट कोशिका होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. इसकी वजह से बच्चे की जान बच गई और सांप मर गया. मां का दूध बच्चों के लिए जरूरी (Mother milk is essential for child) है"
क्या है T लिंफोसाइट कोशिका?: टी-कोशिका (T lymphocytes Cell) एक प्रमुख लसीकाणु (लिम्फ़ोसाइट) है. लसीकाणु या लसीकाकोशिका एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका कोशिका है. टी-कोशिका अपने निर्माण के बाद बाल्यग्रन्थि या थाइमस ग्रन्थि में चली जाती है, वहीं पर इसका विकास होता है. इसलिए इसके नाम से टी अक्षर जुड़ा है. यह कोशिका विभिन्न रोगाणुओं से शरीर की सुरक्षा करती है. जब कोई रोगाणु, जैसे कि जीवाणु, विषाणु इत्यादि शरीर में प्रवेश करते है, तो यह एक प्रकार के रसायन प्रतिपिण्ड का निर्माण करती है. यह प्रतिपिण्ड उस विशेष रोगाणु का मुकाबला करके उसे नष्ट कर देता है.
इस वजह से सांप की हुई मौत: सांप के काटने के वक्त दो क्रियाएं एक साथ हुईं, सांप ने बच्चे में जहर इंजेक्ट किया, बच्चे का ब्लड सांप में गया. जहर बच्चे के शरीर के अंदर टी लिंफोसाइट्स की वजह से न्यूट्रलाइज हो गया. लेकिन जो खून सांप के अंदर प्रवेश किया वो सांप पर भारी पड़ गया और वो मर गया.
मां का दूध अमृत:मां के दूध को बच्चे के लिए अमृत माना जाता है. इस बात को एक बार फिर से गोपालगंज की इस घटना ने साबित कर दिया है. मां के दूध ने अनुज को बचा लिया और सांप ने दुनिया को अलविदा कह दिया. आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में बच्चे मां के दूध से वंचित हो रहे हैं लेकिन इस घटना के बाद हर मां को अपने बच्चे की इम्यूनिटी पावर को मजबूत करने के बारे में सोचना चाहिए. मां के दूध में भरपूर एंडीबॉडी होते हैं, जो बच्चों को कई बीमारियों से बचाता है.
पूरी घटना: बताया जा रहा है कि बरौली थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव निवासी रोहित कुशवाहा का 4 वर्षीय बेटा अनुज कुमार पिछले 2 माह से अपने नाना मुनिंद्र प्रसाद के घर कुचायकोट थाना क्षेत्र के खजूरी पूर्व टोला गांव में अपने मां के साथ रह रहा है. अनुज कुमार ननिहाल में दरवाजे पर खेल रहा था. अचानक जहरीले सांप ने उसे डंस लिया. लेकिन हैरानी तब हुई जब बच्चे को डंसते ही सांप वहीं पर मर गया.