बीजापुर :छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए हैं. इस हमले का मास्टरमाइंड मोस्टवांटेड नक्सली हिडमा है. पुलिस के खुफिया विभाग और नक्सल विरोधी ऑपरेशन में शामिल वरिष्ठ अफसरों की मानें तो हिडमा मोस्टवांटेड नक्सली नेता रमन्ना से भी ज्यादा खतरनाक है. रमन्ना की मौत के बाद सुरक्षाबलों को अब उससे भी ज्यादा क्रूर और दुर्दांत नक्सली हिडमा से निपटना होगा.
नक्सली हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने की कमान हिडमा को दी जाती है. लिहाजा हिडमा का रमन्ना की जगह लेना नक्सल विरोधी अभियान में लगे अन्य सुरक्षाबलों के लिए अच्छी खबर नहीं है. लेकिन लगातार उसे ढूढ़ने और खत्म करने के प्रयास होते रहे हैं. फोर्स को अभी तक हिडमा को पकड़ने या खत्म करने में सफलता नहीं मिल पाई है.
हमलों की योजना और अंजाम देने का जिम्मा
शनिवार को हुई मुठभेड़ में भी हिडमा के तर्रेम इलाके में होने की जानकारी पर पुलिस ने ऑपरेशन लॉन्च किया था. लेकिन इसमें फोर्स को सफलता नहीं मिल पाई बल्कि जवान हिडमा के बनाए एम्बुश में फंस गए. नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने हिडमा को स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेसी) का प्रमुख बनाया. हिडमा को छत्तीसगढ़ के पूरे माओवादी बेल्ट में सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया है.
50 लाख रुपये का इनाम घोषित
हिडमा पर छतीसगढ़ पुलिस ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा है. कल हुई घटना में नक्सलियों ने टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैम्पेन(TCOC) के तहत हमला किया है. जिसमें उनका मकसद होता है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा बलों पर हमला कर उन्हें नुकसान पहुंचाया जाए.
नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड