मुंबई: ज्येष्ठ अमावस्या कल यानि शुक्रवार 19 मई 2023 को है. कई सालों के बाद ज्येष्ठ अमावस्या पर खास संयोग एक साथ बन रहे हैं. शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या होने के साथ ही शनि जयंती, दर्श अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी है. धार्मिक जानकारों के अनुसार इस दिन पूजा-अर्चना से कई गुना पुण्य मिलता है. इस अवसर गंगा स्नान कर नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करना बेहतर होता है. गंगा नदी नहीं होने पर नजदीक के किसी अन्य पवित्र नदी या तालाब में स्नान के बाद पूजा-अर्चना करानी चाहिए.
वहीं ज्येष्ठ अमावस्या पर पूजन, मंत्र जाप और हवन से कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में सही मुहूर्त में ज्येष्ठ अमावस्या का स्नान, पूजन-दान करना चाहिए. धर्म-कर्म के जानकारों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या पूजन से सालों से किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष, शनि दोष और काल शर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है . इससे उस व्यक्ति को उनके जीवन में जारी अड़चन या रुकावटों से काफी हद तक मुक्ति मिलती है.