हैदराबाद :भारत का नेशनल हाइवे नेटवर्क 137,635 किलोमीटर है. अगर आप अपने लंबी दूरी की यात्रा सड़क के रास्ते करेंगे तो कई टोल बूथ मिलेंगे. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के मुताबिक अभी देश में 780 टोल प्लाजा मौजूद हैं. यानी आपका वास्ता टोल गेट से होगा ही. जैसे ही आपकी गाड़ी बूथ के पास पहुंचेगी, फास्ट टैग से टोल टैक्स कट जाएगा. अगर गाड़ी में फास्ट टैग नहीं हो तो पेनल्टी देनी होगी.
पहले जान लें टोल-टैक्स क्या है?
टोल टैक्स वह रकम है, जो आप देश में कहीं भी एक्सप्रेसवे या राजमार्ग का उपयोग करने के लिए भुगतान करते हैं. टोल टैक्स की दर पूरे भारत में विभिन्न राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर अलग-अलग है. अमूमन टोल टैक्स सड़क की लंबाई-चौड़ाई, वाहन के आकार और तय की जाने वाली दूरी पर निर्भर करता है. सड़क की लंबाई और चौड़ाई जितनी ज्यादा होगी, वहां टोल टैक्स का रेट उतना ही अधिक होगा. इसके अलावा वाहन जितना बड़ा या भारी होगा, टैक्स की रकम बढ़ती जाएगी. ज्यादातर जगहों पर चार पहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाया जाता है.
किसे मिलती है टोल टैक्स में छूट
2010 तक सिर्फ 9 कैटिगरी के लोगों को टोल टैक्स से छूट मिलती थी. उनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद सदस्य, विधायक, केंद्र और राज्य सरकार के कुछ अधिकारी, शव वाहन, एंबुलेंस, अग्निशमन सेवा के वाहन, सेना और पुलिस की गाड़ियां शामिल थीं. मगर अब छूट वाली कैटिगरी 25 हो गई है. पिछले दस साल में 16 नई कैटिगरी शामिल हो गई है. इसमें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज, मैजिस्ट्रेट, गजैटेट अफसर, सैन्य पदक विजेता, अर्धसैनिक बल और पुलिस सहित वर्दी में केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बल, सेना के अफसर शामिल हैं.
टोल टैक्स से कितनी होती है एनएचएआई की कमाई
देश में बने अधिक टोल रोड सरकार ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के अंतर्गत बनाए हैं. इसलिए टोल टैक्स का एक हिस्सा सरकार के खाते में भी जाता है. देश में करीब 3.48 करोड़ वाहन चालक टोल यूजर्स हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के मुताबिक अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हाईवे पर मौजूद टोल प्लाजा से करीब 26851 करोड़ रुपये टोल टैक्स के रूप में वसूल चुकी थी. यानी सरकार ने हर महीने औसतन 2237 करोड़ रुपये की कमाई की. देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल करीब 96 प्रतिशत तक हो रहा है यानी एनएचएआई की इनकम और बढ़ रही है. जून 2021 में टोल कलेक्शन बढ़कर 2,576.28 करोड़ रुपये हो गया था.
देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल करीब 96 प्रतिशत तक हो रहा है यानी एनएचएआई की इनकम और बढ़ रही है. जून 2021 में टोल कलेक्शन बढ़कर 2,576.28 करोड़ रुपये हो गया था. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया था कि 2020-21 में अनुमानित रोड यूजर टैक्स 28,548.05 करोड़ रुपये था, लेकिन कोविड के कारण उसमें 3512.62 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है.
जब सरकार को टैक्स दे रहे हैं तो यह जान लें कि टोल गेट पर वाहन मालिक को कैसी फैसिलिटी मिलनी चाहिए. अगर सुविधान नहीं मिले तो ऑटोमैटिक तौर से कटने वाला टैक्स वापस मिलना चाहिए. टोल कंपनियों की ओर से किए जा रहे नियमों का उल्लंघन होने पर दंड के संबंध में अभी कोई कानून नहीं है.