लखनऊ : यूपी एटीएस (UP ATS) ने 21 जून को अवैध धर्मांतरण (illegal conversion) मामले का खुलासा किया था. तब से इस मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. इस मामले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिसमें उमर गौतम और जहांगीर के अलावा मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख, राहुल भोला, सलाउद्दीन शामिल हैं. लेकिन, बड़ी बात ये है कि धर्मांतरण का ये जाल यूपी ही नहीं दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात समेत देश के 24 राज्यों तक फैला हुआ है.
21 जून: अवैध धर्मांतरण मामले का खुलासा
यूपी एटीएस ने दिल्ली के जामिया नगर से उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद 21 जून को इस मामले का खुलासा किया था. इस मामले का खुलासा करते हुए यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया था कि, ये गिरोह अब तक एक हजार से अधिक लोगों का अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन करा चुका है. एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक यूपी एटीएस के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम लोगों के धर्मांतरण की सूचनाएं लगातार एटीएस को मिल रही थीं. मूक बधिर छात्रों, कमजोर आय वर्ग के लोगों को नौकरी, शादी का लालच देकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा था. इसके साथ-साथ महिलाओं का भी धर्मांतरण कराया गया. इसके लिए आईएसआई और विदेशों से फंडिंग भी हो रही थी. एटीएस ने जामिया नगर नई दिल्ली से जहांगीर और उमर गौतम नाम के दो ऐसे अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, इन पर आरोप है कि इन लोगों ने प्रदेश में धर्मांतरण कराने में बड़ी भूमिका निभाई है. जहांगीर और उमर गौतम से पूछताछ में यूपी एटीएस को यह भी जानकारी मिली थी कि, इसमें इस्लामिक दावा सेंटर नाम की संस्था शामिल हैं, जिसका संचालन उमर गौतम कर रहा था. इसके साथ ही आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर से संचालित नोएडा डेफ सोसाइटी के 117 मूक बधिर बच्चों को नौकरी, शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराया गया.
उमर गौतम और जहांगीर पकड़े गए. 28 जून : यूपी एटीस ने तीन आरोपियों को दबोचा
28 जून को यूपी एटीएस ने हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के बीड से इरफान शेख और दिल्ली से राहुल भोला नाम के तीन आरोपियों को अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपी मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर की गई. तीनों फिलहाल जेल में हैं. रिमांड मिलने के बाद इन तीनों से भी पूछताछ होगी. बताया जा रहा है कि, मन्नू यादव खुद भी मूक-बधिर है और धर्म परिवर्तन करने के बाद वह भी इस गिरोह का हिस्सा बन गया. इसके साथ ही एटीएस को इरफान शेख से भी कई अहम सूचनाएं मिलने की उम्मीद है.
यूपी एटीस ने तीन आरोपियों को दबोचा 30 जून : गुजरात के बड़ोदरा से आरोपी सलाउद्दीन की गिरफ्तारी
UP ATS ने अवैध धर्मांतरण के मामले में लखनऊ जेल में बंद आरोपी मोहम्मद उमर गौतम को हवाले के जरिए रकम भेजने वाले आरोपी सलाउद्दीन को गुजरात के बड़ोदरा से गिरफ्तार कर लिया है. उसे तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है.
देश के 24 राज्यों में फैला अवैध धर्मांतारण का जाल
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, झारखंड और केरल समेत 24 राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने वाले 450 लोगों पर UP ATS नजर बनाए है. सात दिन के रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी ने दूसरे दिन पूछताछ में करवाए गए धर्मांतरण में 450 लोगों की लिस्ट मिली है. दिल्ली के बाटला हाऊस को उमर गौतम ने अपनी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनाया था. ATS के अफसर अब इन चिन्हित लोगों से पूछताछ कर आरोपी उमर और जहांगीर का कनेक्शन खंगालेगी. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की मानें तो UP ATS की गिरफ्त में आये आरोपी उमर और जहांगीर ने एक हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करने की बात स्वीकारी थी. आरोपियों से पूछताछ के आधार पर UP ATS को देश के कई राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने वाले 450 लोगों की सूची तैयार की है. ATS के अफसर अब इन चिन्हित लोगों से पूछताछ करेगी. इसके लिए अन्य राज्यों और केंद्र की एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है.
पुलिस धर्मांतरण कराने वाले 450 चिन्हित लोगों में सबसे अधिक 156 लोग दिल्ली के हैं. जबकि, उत्तर प्रदेश में 122 लोग हैं. ये वो लोग है, जो हिन्दू से मुस्लिम बने हैं. इनमें से करीब 50 सिर्फ फतेहपुर और दो लखनऊ के रहने वाले हैं.
डेढ़ साल में उमर गौतम और जहांगीर ने 33 लोगों का कराया धर्म परिवर्तन
गृह विभाग की मानें तो सात दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी द्वारा बीते डेढ़ साल में करवाए गए धर्मांतरण के 81 पन्ने का विवरण भी सामने आया है. मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दस्तखत से सात जनवरी 2020 से 12 मई 2021 के बीच 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया. जिनमें 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं. वहीं, राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक धर्मांतरण दिल्ली से 14, उत्तर प्रदेश से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, महाराष्ट्र, असम, झारखंड और केरल से 1-1 व्यक्ति ने इस दौरान धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार किया. जिन 33 लोगों के धर्मांतरण का ब्यौरा सामने आया है. उनमें सिर्फ एक व्यक्ति जो यूपी में बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला. सबसे कम पढ़ा लिखा छठवीं पास था, जिसने हाल ही में 8 जून 2021 को 28 साल की उम्र में धर्मांतरण किया.
धर्मांतरण कराने वालों में चिकित्सक, इंजीनियर और पीएचडी होल्डर तक शामिल
धर्म बदलने वालों में सरकारी नौकरी करने वाले, बीटेक तक पढ़ाई कर चुका शिक्षक, एमबीए पास कर नौकरी कर रहा युवक, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली के अस्पताल की स्टाफ नर्स, गुजरात का एमबीबीएस डॉक्टर, इलेक्ट्रिकल्स में डिप्लोमा होल्डर एमफार्मा, MCA पीएचडी कर चुके युवा शामिल हैं. सभी ने इस्लामिक दावा सेंटर के निर्धारित धर्मांतरण के फार्म के साथ एक एफिडेविट भी लगा कर दिया है. जिसमें वो लिखित तौर पर कह रहे हैं कि वह बिना किसी लालच भय के अपना मूल धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार करते हैं.
12 जून को कराया आखिरी धर्मांतरण
काजी मुफ्ती जहांगीर कासमी के द्वारा इस्लामिक दावा सेंटर में करवाया गया. आखिरी धर्मांतरण 12 जून 2021 को हुआ था. जिसके सात दिनों बाद ही यूपी एटीएस ने जहांगीर कासमी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, दूसरी तरफ यूपी एटीएस ने दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. 2 दिन हुई पूछताछ में धर्मांतरण में शामिल अन्य संस्थाओं के कनेक्शन, इन संस्थाओं का इस्लामिक दावा सेंटर से कनेक्शन, उमर गौतम व जहांगीर कासमी इन संस्थाओं से कैसे जुड़े जैसे सवाल किए गए. इनकम टैक्स विभाग की ली जाएगी मदद.
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