हैदराबाद: 'एक ओलंपिक मेडल की कीमत आप क्या जानें' सुनने में डायलॉग फिल्मी लगेगा लेकिन ये सच है. वैसे तो ओलंपिक पदक की कोई कीमत नहीं है, उसे जीतने वाले इंसान इस धरती पर गिने-चुने हैं. लेकिन स्वर्ण, रजत और कांस्य के बने इन पदकों में जो धातु लगी है उनकी कीमत तो होती ही है. लेकिन उस कीमत से पहले ये पता होना चाहिए कि वो मेडल किस-किस धातु के बने हैं और उनकी मात्रा मेडल में कितनी है.
जैसे कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या ओलंपिक का गोल्ड मेडल सच में सोने का होता है ? या गोल्ड मेडल का वजन कितना होता है ? ऐसे हर सवाल का जवाब आपको ईटीवी भारत देगा, वो भी सरल और आसान भाषा में. टोक्यो ओलंपिक के पद कई मायनों में खास हैं और उससे भी खास है इस ओलंपिक के मेडल. जिनके बनने की कहानी आपको रोमांचित कर देगी, आइये जानते हैं टोक्यो ओलंपिक के पदकों से जुड़ी खास और रोचक बातें.
पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान और फोन से बने हैं मेडल
जापान को तकनीक का देश कहा जाता है. टोक्यो ओलंपिक के पदकों में भी इसकी झलक देखने को मिलती है. टोक्यो ओलंपिक में विजेता खिलाड़ियों को जो पदक दिए जा रहे हैं वो पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों और फोन से बनाए गए हैं. खास बात ये है कि इन पदकों को बनाने में जापान ने अपने देशवासियों की मदद ली.
इसके लिए बकायदा साल 2017 में जापान की सरकार ने 'टोक्यो 2020 मेडल प्रोजेक्ट' (Tokyo 2020 Medal Project) की शुरुआत की. जिसके तहत लोगों से पुराना इलेक्ट्रॉनिक सामान और फोन दान करने की अपील की गई. वैसे साल 2010 में कनाडा के वैंकूवर शहर में आयोजित ओलंपिक में भी इलेक्ट्रॉनिक सामान से पदक तैयार किए गए थे.
टोक्यो ओलंपिक के पदक बनाने के लिए दो साल तक अभियान चला. इस दौरान करीब 78 हजार टन गैजेट प्राप्त हुए. जिनमें करीब 62 लाख मोबाइल फोन थे. इन सबमें से 32 किलो सोना, 3500 किलो चांदी और 2200 किलो कांसा निकाला गया. जिनका इस्तेमाल इन पदकों को बनाने में हुआ. साथ ही जिस रिबन से ये मेडल बंधे होते हैं उन्हें रीसाइकल किए पॉलीस्टर फाइबर से बनाया गया है.
गोल्ड मेडल में कितना सोना ?
कई लोग सोचते हैं कि ओलंपिक में मिलने वाला स्वर्ण पदक सोने का होता है. लेकिन ये सच नहीं है, साल 1912 में हुए स्टॉकहोम ओलंपिक गेम्स तक गोल्ड मेडल पूरी तरह से सोने का ही होता था लेकिन उसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने मेडल बनाने के नियम तय कर दिए.
IOC के नियमों के मुताबिक गोल्ड मेडल में कम से कम 6 ग्राम सोना होना चाहिए, स्वर्ण पदक में बाकी हिस्सा चांदी से ही बना होता है. नियम के मुताबिक मेडल का व्यास 60 मिमी और मोटाई 3 मिमि होनी चाहिए. मेडल में एक तरफ ओलंपिक गेम्स का ऑफिशियल लोगो (5 रिंग), पथानाइकोस स्टेडियम, जहां 1896 में पहले ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ था और ग्रीक देवी नाइकी की तस्वीर होनी चाहिए.
टोक्यो ओलंपिक के मेडल
टोक्यो ओलंपिक में 33 खेलों की 339 प्रतियोगिताएं होनी हैं और टॉप-3 खिलाड़ियों को गोल्ड, सिल्वर और ब्राॉन्ज मेडल दिए जाने हैं. टोक्यो ओलंपिक के पदकों का व्यास (diameter) 85 मिलीमीटर है. मेडल का सबसे पतला हिस्सा 7.7 मिमी. और सबसे मोटा हिस्सा 12.1 मिमी. का है.