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Financial planning: पहली सैलरी से ही ऐसे शुरू करें निवेश, कभी नहीं होगी पैसों की कमी - First Salary से Financial planning

आपके शौक और सपनों के बीच कभी पैसे की कमी आड़े न आए, इसकी तैयारी की जिम्मेदारी भी आपकी ही है और ये तैयारी आपको अपनी पहली सैलरी से ही शुरू करनी चाहिए. फिर आपने पहली नौकरी या बिजनेस किसी भी उम्र में क्यों न शुरू किया हो. कहीं ऐसा न हो कि पैसे की कमी की वजह से कई सपने सिर्फ सपने ही रह जाएं. आज हम बात कर रहे हैं First Salary से Financial planning की.

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Published : Dec 21, 2021, 3:17 PM IST

नई दिल्ली :किसी भी सैलेरीड पर्सन को पूछ लीजिए तो ताराप्रकाश जोशी की पंक्तियां हूबहू याद आ जाएंगी, 'मेरा वेतन ऐसे रानी, जैसे गरम तवे पे पानी'. ऐसा इसीलिए क्योंकि ज्यादातर सैलेरीड लोग अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते. अगर आपकी भी नई-नई नौकरी लगी है और शुरुआती तनख्वाह का लुत्फ उठा रहे हैं, तो ये मौका कुछ देर रुक कर इत्मिनान से ये आर्टिकल पढ़ने का है.

सबसे पहले ये कहावत अच्छे से याद कर लीजिए कि 'काम से पैसा मिलता है और पैसे से पैसा बनता है'. लिहाज़ा, अपनी पहली ही तनख्वाह से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बना लीजिए. अगर आप चाहते हैं कि शौक और सपनों के बीच कभी पैसे की कमी आड़े न आए, इसकी तैयारी भी आपको ही करनी होगी. जानिए पहली तनख्वाह मिलते ही क्या-क्या काम करना जरूरी है ताकि रिटायरमेंट से पहले आप बन सकें करोड़पति...

वेतन से करें बचत

Investment से पहले कराएं Insurance

निवेश से पहले बीमा कराना जरूरी है. अगर बीमा नहीं होगा तो एक झटके में आपकी बचत और निवेश दोनों जा सकती है. शुरुआत में इंश्योरेंस करवाना इसीलिए भी फायदेमंद है क्योंकि इंश्योरेंस की प्रीमियम भी कम आती है. इसलिए यह जरूरी है कि आप पहली सैलरी से ही अपने लिए टर्म और मेडिकल इंश्योरेंस ले लें. ऑनलाइन इंश्योरेंस का प्रीमियम कम आता है, लेकिन कोई भी इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनी के सभी नियम और शर्तें जरूर जान लें. इसके साथ ही कंपनियों को आपस में कंपेयर करके ही इंश्योरेंस लें और हां, उसका प्रीमियम समय पर भरने वाला हिस्सा तनख्वाह आते ही निकाल लें.

RD-FD के साथ म्यचुअल फंड में निवेश

RD-FD के साथ म्यचुअल फंड का है जमाना

अपनी तनख्वाह के एक हिस्से से इंश्योरेंस के बाद निवेश (Investment and insurance) जरूरी है ताकि आपके साथ, आपका पैसा भी कमाई कर सके. तो अपनी पहली सैलरी में कुछ पैसे तो जरूर बचाइए. हो सकता है आपकी सैलरी बहुत कम हो, लेकिन फिर भी बचत की आदत यहीं से शुरू होगी. सारे खर्च निकालने के बाद 30 फीसदी बचत हो और इसके बाद 20 फीसदी का निवेश किया जाए. इससे बेहतर काम कुछ हो नहीं सकता.

आय-व्यय का रखें लेखा जोखा

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RD-FD पर मिलने वाला ब्याज अब काम हो गया है. महंगाई जिस तेजी से बढ़ती है वहां उस अनुपात में पैसा नहीं बढ़ रहा, इसीलिए म्यूचुअल फंड की दुनिया में दाखिल होने का मौका भी बना ही लीजिए. लेकिन यहां समस्या होगी कि आपके लिए कौन सा म्यूचुअल फंड सही है. इसके लिए काफी रिसर्च की जरूरत है. क्योंकि बाजार में तो कई हजार म्यूचुअल फंड स्कीम हैं. म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के जरिए भी और ऑनलाइन भी... जिस तरह से आप ठीक समझें, काम शुरू किया जा सकता है. बस थोड़ा सा खुद का रिसर्च और मार्केट एक्सपर्ट से बातचीत कर कंपनियों को कंपेयर करें और फिर म्यूचुअल फंड के रास्ते शेयर मार्केट से रिटर्न कमाइए.

अपना इमरजेंसी फंड रखो तैयार

जिंदगी इतनी उलझन भरी है कि हर किसी को इमरजेंसी फंड रखना जरूरी है. अपनी सैलरी का 10 फीसदी का इमरजेंसी फंड बनाएं. इस फंड को बचत खाते में रखें, क्योंकि इमरजेंसी फंड की लिक्वीडिटी बहुत जरूरी होती है और आपके बचत खाते से ज्यादा लिक्वीडिटी कहीं नहीं होती. लेकिन क्योंकि बचत खाते में ब्याज बहुत कम होता है, इसलिए इस पैसे को निष्क्रिय नहीं छोड़ना चाहिए. आप अपने बचत खाते में इस पैसे को स्वीप-इन FD कर सकते हैं, जिस पर सात से आठ फीसदी तक ब्याज मिलता है. इसके अलावा आप म्यूचुअल फंड की किसी ऐसी स्कीम में भी इनवेस्ट कर सकते हैं, जिसमें से तुरंत पैसे निकालने की सुविधा हो.

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