लखनऊ : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं. आरोप है कि ट्रस्ट ने दो करोड़ की जमीन को साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदी है. ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले के आरोप लगने के बाद यूपी में सियासत भी तेज हो गई है. सभी दलों के नेता बीजेपी और राम मंदिर ट्रस्ट को घेरने में लगे हुए हैं.
रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार करने का बम फोड़ा. साथ ही उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की. इस पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया. चंपत राय ने कहा कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं. अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है. लेकिन सवाल यह उठता है कि दोनों ही रजिस्ट्री के दौरान दो भाजपा नेता कैसे गवाह बन गए. तो आइए आपको बतातें है कि यह जमीन विवाद क्या है.
जमीन विवाद में तीन अहम किरदार
अयोध्या में विवादों में आए जमीन को लेकर सियासत गरमा गई है. इसके केंद्र में तीन अहम किरदार हैं. जमीन का मालिकाना हक कुसुम पाठक का था, जिन्होंने जमीन का समझौता रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से पहले ही कर लिया था. वही समझौता कागजी तौर पर इस साल 18 मार्च 2021 को फाइनल हुआ. कुसुम पाठक ने दो करोड़ में रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी को बेच दिया.
18 मार्च 2021 को ही रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ में खरीदी गई जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को साढ़े 18 करोड़ रुपए में बेच दी. अब इसी डील को लेकर विवाद शुरू हो गया है. जिस जमीन का विवाद है उसका एरिया है 12080 वर्ग मीटर, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में पड़ने वाली इस जमीन पर जन्मभूमि के कुछ मंदिर बनाए जाने की योजना है.
ऐसे हुई जमीन की बिक्री ?
जब मंदिर परिसर के आस-पास के मंदिरों को गिराने और शिफ्ट करने का काम शुरू हुआ, उसी दौरान इसके आस-पास की जमीन खरीदने के साथ पुराने करीब आधा दर्जन मंदिरों को गिराकर उसे भी परिसर में शामिल कर लिया गया. आरोपी जमीन की खरीद-फरोख्त मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि अयोध्या के बाग विलैसी में स्थित 180 बिस्वा (12,080 वर्ग मीटर) जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक की थी. इसे उन्होंने सुल्तान अंसारी, रवि मोहन तिवारी, इच्छा राम, मनीष कुमार, रवींद्र कुमार, बलराम यादव और अन्य तीन के नाम 2019 में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया था.
इस जमीन का सौदा 26.50 करोड़ रुपये में तय हुआ. इसकी सरकारी मालियत करीब 11 करोड़ रुपये आंकी गई थी. 2.80 करोड़ रुपये हरीश पाठक और कुसुम पाठक के खाते में ट्रांसफर कर 80 बिस्वा जमीन की रजिस्ट्री कराई गई. बाकी 100 बिस्वा जमीन एग्रीमेंट धारकों ने अपनी सहमति से दो लोगों के नाम लिख दिया, जिनसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करवा लिया है.
जमीन के दोनों सौदों में एक ही गवाह