रांचीः सनातन संस्कृति में गाय को भगवान का दर्जा देते हुए माता की तरह पूजा जाता है. जीवनदायिनी गौ हमें दूध देती है, इसके अलावा खेती में भी हमारी बराबर की भागीदार बनती हैं. इतना ही नहीं गंभीर बीमारियों को दूर करने में गौ-मूत्र काफी कारगर साबित होता है. इसी तरह गाय का गोबर भी काफी उपयोगी है. प्राचीन काल से गोबर से खाद बनाकर खेत में डाला जाता है. इसके अलावा उसे सुखाकर उसके उपले (गोयेठा) बनाकर खाना बनाने के लिए ईंधन की तरह प्रयोग किया जाता है. लेकिन आज ईटीवी भारत आपको गोबर से हुए एक नये आविष्कार के बारे में बता रहा है. रांची के गौशाला में गाय के गोबर से ऐसे चिप बनाए जा रहे हैं, जो मोबाइल के हानिकारक रेडिएशन को कम करेगा.
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राजधानी रांची के सुकुरहुट्टू गौशाला में मौजूद गाय के गोबर से वहां पर कार्यरत निर्मल कृष्ण चंद्रा ने एक अनोखा अविष्कार किया है. निर्मल का ये दावा है कि उनका ये चिप मोबाइल से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन को कम करता है. सुकुरहुटू स्थित गौशाला समिति के संयोजक निर्मल कृष्ण चंद्र अपने आविष्कार को लेकर बताते हैं कि ये प्रक्रिया पहले भी की जा चुकी है. लेकिन उनके द्वारा इसको थोड़ा इंप्रोवाइज किया गया है. निर्मल कृष्ण चंद्रा ने बताया कि उनके इस चिप में तुलसी के अर्क के साथ साथ विभिन्न तत्वों का उपयोग किया गया है.
देहाती गाय के गोबर से ही बन सकता है चिपः उन्होंने बताया कि झारखंड के देहाती गाय के गोबर से ही इस चिप को बनाया जा सकता है. किसी अन्य नस्ल की गाय के गोबर से इस चिप का निर्माण नहीं किया जा सकता. इसलिए उनके द्वारा बनाया गया गोबर का चिप मोबाइल रेडिएशन में असरदार साबित होगा.
अच्छा काम कर है डेमो चिपः निर्मल कृष्ण चंद्रा के सहयोगी भीम सिंह बैठा ने बताया कि उनके गौशाला में कार्यरत सभी कर्मचारी अपने मोबाइल में इस नए चिप का उपयोग कर रहे हैं. इस डेमो चिप का लाभ भी लोगों को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जो भी कर्मचारी अपने मोबाइल में इस चिप का उपयोग कर रहे हैं, उन सभी लोगों का मोबाइल हैंग भी कम हो रहा है और तेजी से गर्म भी नहीं होता है.