नई दिल्ली : 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. पंजाब पुलिस ने उसके सात समर्थकों को गिरफ्तार किया है. वे सभी पुलिस हिरासत में हैं. पंजाब पुलिस ने साफ किया है कि अमृतपाल सिंह और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच लिंक है. जिन सात समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, वे हैं - बलजिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, गुरलाल सिंह, अमनदीप सिंह, अजयपाल सिंह, सवरीत सिंह और हरमिंदर सिंह. वहींअमृतपाल सिंह की 'रिहाई' के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 मार्च के लिए नोटिस जारी किया.
खालिस्तान समर्थक और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है. याचिकाकर्ता वकील इमान सिंह खारा ने दावा किया कि अमृतपाल को पुलिस ने जालंधर के शाहकोट इलाके से 'अवैध और जबरन' हिरासत में लिया है. अमृतपाल और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के कानूनी सलाहकार खारा ने अमृतपाल के जीवन के लिए खतरे की आशंका जताई. याचिकाकर्ता ने अवैध हिरासत में पाए जाने पर घटनास्थल का दौरा करने के लिए एक वारंट अधिकारी की नियुक्ति की भी प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने पुलिस की कथित हिरासत से अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया. लेकिन अवकाश होने के कारण सुनवाई न्यायमूर्ति एन एस शेखावत के आवास (कैंप कार्यालय) में हुई. याचिका के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 मार्च के लिए का नोटिस जारी किया.
पुलिस ने कहा कि अमृतपाल का फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी है. पुलिस के मुताबिक कलसी के फोन में कई पाकिस्तानी नंबर हैं. कलसी अक्सर पाकिस्तान बात करता था. पुलिस ने यह भी कहा कि कलसी जिस नंबर के जरिए बात करता था, उसके जरिए उसे 30 करोड़ रुपये की फंडिंग भी हुई है.
पुलिस ने बताया कि जब वह अमृतपाल का पीछा कर रही थी, तब पुलिस के काफिले के आगे जानबूझकर चार-पांच मोटरसाइकिल सवारों को खड़ा किया गया था, ताकि वह भाग सके. पुलिस के अनुसार यह सोची समझी साजिश थी. एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. इसमें पुलिस अमृतपाल की गाड़ी का पीछा करती हुई दिख रही है. पुलिस ने दावा किया कि उसने 25-30 किलोमीटर तक चेज किया. आम लोगों के बीच इस घटना को लेकर भ्रम न फैले और न ही को झूठी खबरें फैलाए, पुलिस ने 20 मार्च 12 बजे दोपहर तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.
जालंधर के डीआईजी ने मीडिया को बताया कि जिस कार पर अमृतपाल सवार था, उसमें कुल चार लोग थे. उनके अनुसार भागने के दौरान अमृतपाल ने कई बार अपनी गाड़ी बदली. अपना नंबर भी बदला, ताकि उसे ट्रेस नहीं किया जा सके. पुलिस ने अभी तक इस बात का जवाब नहीं दिया है कि अमृतपाल देश में ही है, या फिर देश के बाहर जा चुका है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को अमृतपाल के घर से आनंदपुर खालसा फोर्स की जैकेट मिली. इसका मतलब है कि वह आनंदपुर खालसा फोर्स बनाने की तैयारी कर रहा था. यह एक निजी आर्मी की तरह है. अमृतसर के ग्रामीण एसपी का एक बयान मीडिया में आया है. इसमें वह दावा कर रहे हैं कि अमृतपाल के सहयोगी के पास से 100 कारतूस बरामद की गई है. अमृतपाल को पुलिस पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है. पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है.
अमृतपाल के चार साथियों को असम ले जाया गया. वहां उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. अमृतपाल सिंह के सहयोगियों को सुरक्षा की वजह से असम भेजा गया है. पंजाब पुलिस के अधिकारी तेजबीर सिंह ने इसकी पुष्टि की है. डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा से जब इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जो भी जानकारी जरूरी होगी, वह साझा करेंगे.