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पुलिस का खुलासा : अमृतपाल का आईएसआई से संपर्क, प्राइवेट आर्मी बनाने की थी तैयारी, हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर

पंजाब का मोस्ट वांटेड 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल देश में है या देश से फरार हो गया है, इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है. अमृतपाल के पिता ने आशंका व्यक्त की है कि उसके बेटे के साथ कुछ अनहोनी हो सकती है. इधर पुलिस ने दावा किया है कि अमृतपाल का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क है. उसकी फंडिंग भी हुई है. अमृतपाल के चार सहयोगियों को असम ले जाया गया है. पुलिस ने कहा है कि अमृतपाल एकेएफ नाम से एक प्राइवेट आर्मी बनाने की तैयारी कर रहा था. वहीं अमृतपाल को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है.

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Published : Mar 19, 2023, 6:39 PM IST

Updated : Mar 19, 2023, 11:04 PM IST

नई दिल्ली : 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. पंजाब पुलिस ने उसके सात समर्थकों को गिरफ्तार किया है. वे सभी पुलिस हिरासत में हैं. पंजाब पुलिस ने साफ किया है कि अमृतपाल सिंह और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच लिंक है. जिन सात समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, वे हैं - बलजिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, गुरलाल सिंह, अमनदीप सिंह, अजयपाल सिंह, सवरीत सिंह और हरमिंदर सिंह. वहींअमृतपाल सिंह की 'रिहाई' के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 मार्च के लिए नोटिस जारी किया.

खालिस्तान समर्थक और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है. याचिकाकर्ता वकील इमान सिंह खारा ने दावा किया कि अमृतपाल को पुलिस ने जालंधर के शाहकोट इलाके से 'अवैध और जबरन' हिरासत में लिया है. अमृतपाल और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के कानूनी सलाहकार खारा ने अमृतपाल के जीवन के लिए खतरे की आशंका जताई. याचिकाकर्ता ने अवैध हिरासत में पाए जाने पर घटनास्थल का दौरा करने के लिए एक वारंट अधिकारी की नियुक्ति की भी प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने पुलिस की कथित हिरासत से अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया. लेकिन अवकाश होने के कारण सुनवाई न्यायमूर्ति एन एस शेखावत के आवास (कैंप कार्यालय) में हुई. याचिका के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 मार्च के लिए का नोटिस जारी किया.

पुलिस ने कहा कि अमृतपाल का फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी है. पुलिस के मुताबिक कलसी के फोन में कई पाकिस्तानी नंबर हैं. कलसी अक्सर पाकिस्तान बात करता था. पुलिस ने यह भी कहा कि कलसी जिस नंबर के जरिए बात करता था, उसके जरिए उसे 30 करोड़ रुपये की फंडिंग भी हुई है.

पुलिस ने बताया कि जब वह अमृतपाल का पीछा कर रही थी, तब पुलिस के काफिले के आगे जानबूझकर चार-पांच मोटरसाइकिल सवारों को खड़ा किया गया था, ताकि वह भाग सके. पुलिस के अनुसार यह सोची समझी साजिश थी. एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. इसमें पुलिस अमृतपाल की गाड़ी का पीछा करती हुई दिख रही है. पुलिस ने दावा किया कि उसने 25-30 किलोमीटर तक चेज किया. आम लोगों के बीच इस घटना को लेकर भ्रम न फैले और न ही को झूठी खबरें फैलाए, पुलिस ने 20 मार्च 12 बजे दोपहर तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

जालंधर के डीआईजी ने मीडिया को बताया कि जिस कार पर अमृतपाल सवार था, उसमें कुल चार लोग थे. उनके अनुसार भागने के दौरान अमृतपाल ने कई बार अपनी गाड़ी बदली. अपना नंबर भी बदला, ताकि उसे ट्रेस नहीं किया जा सके. पुलिस ने अभी तक इस बात का जवाब नहीं दिया है कि अमृतपाल देश में ही है, या फिर देश के बाहर जा चुका है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को अमृतपाल के घर से आनंदपुर खालसा फोर्स की जैकेट मिली. इसका मतलब है कि वह आनंदपुर खालसा फोर्स बनाने की तैयारी कर रहा था. यह एक निजी आर्मी की तरह है. अमृतसर के ग्रामीण एसपी का एक बयान मीडिया में आया है. इसमें वह दावा कर रहे हैं कि अमृतपाल के सहयोगी के पास से 100 कारतूस बरामद की गई है. अमृतपाल को पुलिस पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है. पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है.

अमृतपाल के चार साथियों को असम ले जाया गया. वहां उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. अमृतपाल सिंह के सहयोगियों को सुरक्षा की वजह से असम भेजा गया है. पंजाब पुलिस के अधिकारी तेजबीर सिंह ने इसकी पुष्टि की है. डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा से जब इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जो भी जानकारी जरूरी होगी, वह साझा करेंगे.

आपको बता दें कि पिछले ही महीने अमृतपाल और उसके समर्थकों का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने एक थाने पर हमला कर दिया था. इसमें उसके समर्थक तलवार लहरा रहे थे. उनके पास बंदूकें भी थीं. अमृतपाल ने अपने एक साथी लवप्रीत सिंह को छुड़ाने के लिए थाने पर हमला किया था. इस घटनाक्रम में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. यह अजलाना थाने की घटना थी.

दो मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और देश के गृह मंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात हुई थी. कहा जा रहा है कि उसी बैठक में अमृतपाल के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी. तब केंद्र ने पंजाब को यह आश्वस्त किया था कि उन्हें जितनी भी केंद्रीय बलों की जरूरत पड़ेगी, वह उसे देंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि उसके बाद से ही अमृतपाल के खिलाफ शिकंजा कसता गया.

इस पूरी घटना के बीच अमृतपाल के पिता का भी बयान मीडिया में आया है. उनके अनुसार उन्हें नहीं पता है कि पुलिस अमृतपाल का पीछा क्यों कर रही है. उन्होंने बताया कि हमारा बेटा नशा छुड़ाने का काम करता है. पिता ने यह भी बताया कि मुझे शक है कि कहीं पुलिस उसके साथ कुछ गलत न कर दे.

जालंधर के डीआईजी ने मीडिया को बताया कि जिस कार पर अमृतपाल सवार था, उसमें कुल चार लोग थे. उनके अनुसार भागने के दौरान अमृतपाल ने कई बार अपनी गाड़ी बदली. हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस बात का जवाब नहीं दिया है कि अमृतपाल देश में ही है, या फिर देश के बाहर जा चुका है. आपको बता दें कि अमृतपाल ने शनिवार को दो जगह पर अपने कार्यक्रम रखे थे. ये कार्यक्रम मलसियां और बठिंडा में होने वाले थे. मलसियां जालंधर और मोगा एनएच पर स्थित है. पुलिस को इसकी जानकारी थी, इसलिए पुलिस ने सुबह से ऑपरेशन की शुरुआत कर दी थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर एक बजे के करीब अमृतपाल मैहतपुर पहुंचा था. कहा जा रहा है कि अमृतपाल की गाड़ी तीसरे नंबर पर थी. पुलिस को देखते ही अमृतपाल की गाड़ी ने यू टर्न लिया और पास के एक लिंक रोड़ की ओर चली गई. इसी दौरान उसके एक सहयोगी ने फेसबुक पर लाइव दिखा दिया कि पुलिस किधर जा रही है. इसके बाद ही पुलिस ने इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया.

अमृतपाल का संगठन वारिस पंजाब दे किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आया था. तब उसने लाल किले पर खालसा का झंडा फहराया था. इस संगठन के 78 से ज्यादा लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. अमृतपाल ने यह भी दावा किया कि वह भारतीय नागरिक नहीं है.

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Last Updated : Mar 19, 2023, 11:04 PM IST

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