हैदराबाद : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन ((PM-DHM) की शुरूआत की. इससे पहले यह नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) के नाम से चल रही थी. इस हेल्थ मिशन के अंतर्गत हर भारतीय को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी (Unique Digital Health ID) दी जाएगी, जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड दर्ज होगा. इस प्रोजेक्ट को15 अगस्त 2020 को छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया था. इन राज्यों में सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू किया गया है.
प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हर नागरिक को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा. कार्ड पर 14 अंकों को नंबर होगा, जो यूनीक हेल्थ आईडी होगी. जैसे दो आदमी के आधार नंबर या पैन कार्ड नंबर एक जैसे नहीं हो सकते, वैसे ही हर यूजर को एक हेल्थ आईडी नंबर दिया जाएगा. एक बार नंबर जेनरेट हो जाने के बाद आपकी हेल्थ हिस्ट्री आपके रेकॉर्ड में अपडेट होती रहेगी. इस प्रक्रिया में हर नागरिक, अस्पताल या क्लीनिक और डॉक्टर्स सभी एक सेंट्रल सर्वर से जुड़े रहेंगे.
पुराना डेटा खुद ही करना होगा अपलोड :यह ध्यान रखें कि कार्ड बनने से पहले का डेटा खुद ही स्कैन कर अपलोड करना होगा. इसके बाद अस्पताल में NDHM कर्मचारी के मदद से सारे हेल्थ रिकॉर्डस अपलोड किए जा सकेंगे. आपको सिर्फ अपना यूनीक ID कार्ड में दर्ज 14 डिजिट के यूनीक नंबर बताना होगा. इसके बाद जब भी आप किसी बीमारी का इलाज कराएंगे या संबंधित टेस्ट कराएंगे तो उसकी रिपोर्ट खुद ब खुद आपके हेल्थ कार्ड से जुड़ जाएगी.
जान लें, क्या हैं हेल्थ कार्ड के फायदे
- अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो आपको कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची आदि नहीं ले जानी होगी. आप अस्पताल कर्मचारी या डॉक्टर को अपनी यूनीक आईडी ( Unique health ID) बताएंगे. वह अपने ऐप्लीकेशन में नंबर डालेगा. फिर इसके बाद आपके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आएगा.
- ओटीपी (OTP) डालते ही आपकी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को दिखने लगेगी. उसे आपके बीमारी में पहले हुए इलाज, दवाइयां और टेस्ट के बारे में पता चल जाएगा. ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि आपकी सारी जानकारी हेल्थ कार्ड में मौजूद होगी. इसके साथ ही मरीज को बार-बार जांच कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. उनका समय और खर्च भी बचेगा.
- कई बार ऐसा होता है कि हम दूसरे शहरों में बैठे डॉक्टर से ऑनलाइन या फोन से परामर्श लेते हैं. ऐसी स्थिति में डॉक्टर को रिपोर्ट वॉट्सऐप करना और समझाना मुश्किल होता है. मगर आपकी हेल्थ आईडी अपडेट रहेगी. डॉक्टर केस हिस्ट्री और रिपोर्टस ऑनलाइन आसानी से देख सकेंगे.