दिल्ली

delhi

आपको भनक लगे बिना ही बैंक काटते हैं कई तरह की फीस, जानिये किस-किस तरीके से कटती है आपकी जेब ?

बैंक की कोई भी सेवा मुफ्त नहीं मिलती. बल्कि कुछ ऐसी सेवाएं हैं जिनके बदले बैंक आपकी जेब काट रहे हैं और आपको भनक तक नहीं लगती. कई बार आप इसे मामूली समझकर छोड़ देते हैं लेकिन आप इसके बारे में जानने की कोशिश नहीं करते. किस-किस नाम पर बैंक वसूल रहे हैं चार्ज, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

By

Published : Oct 8, 2021, 8:29 PM IST

Published : Oct 8, 2021, 8:29 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 9:06 PM IST

बैंक
बैंक

हैदराबाद: क्या आपका बैंक भी हर महीने आपके खाते से तरह-तरह के जुर्माने और फीस के नाम पर पैसे वसूल रहा है ? क्या आप जानते हैं कि बैंक किस-किस तरह से आपकी जेब काट रहे हैं ? दरअसल बैंक एक-दो नहीं बल्कि कई तरह के चार्ज नियमित रूप से लगाते हैं. आपको पहले तो इसकी भनक नहीं लगती और अगर भनक लग भी जाए तो ये पता नहीं चलता कि ये कटौती किस वजह से हुई है. चलिये आपको बताते हैं कि किस-किस तरह से बैंक आपके ही जमा रुपयों पर सेवाओं के नाम पर चार्ज करते हैं.

खाते से पैसे निकालने और जमा करने पर भी चार्ज

आम आदमी अपनी पूंजी को सुरक्षित करने के लिए बैंक में जमा करता है लेकिन बैंक खाते में जमा आपके पैसे को निकालने या फिर खाते में पैसे जमा करने पर बैंक आपसे फीस वसूलते हैं. आप जानकर हैरान होंगे लेकिन ये सच है. एक तय सीमा से अधिक बार बैंक खाते से पैसे निकालने पर बैंक आपसे फीस वसूलता है. पास बुक या बैंक के ऐप में ये कटौती आपको Fee Excess DR in SB के नाम से नजर आती है.

इसी तरह अगर आप तय सीमा से अधिक बार अपने बैंक खाते में पैसे जमा करते हैं तो भी बैंक आपसे फीस वसूलता है. ये कटौती आपकी पासबुक या बैंक ऐप में ये एंट्री FEE EXCESS CR के नाम से नजर आती है. खाते से पैसे निकालने या जमा करने की सीमा अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है. आप इसकी जानकारी अपने बैंक से ले सकते हैं ताकि इस कटौती से बच सकें.

आपको पता भी नहीं चलता और तरह-तरह के चार्ज और फीस वसूल लेते हैं बैंक

ऐसा क्यों करते हैं बैंक ?

दरअसल सरकार की दलील है कि आप कैश में लेन-दने बिल्कुल कम कर दें. फिर चाहे आप UPI का इस्तेमाल करें, RTGS या IMPS करें. जानाकार मानते हैं कि कहीं भी भुगतान करने के लिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाया गया है. ताकि लोगों की कैश पर निर्भरता कम रहे.

लेकिन बैंक कई तरह से आपकी जेब काट रहे हैं

पहले कहा जाता था कि बैंक कि कमाई ग्राहकों को दिए ऋण पर मिलने वाला ब्याज और ग्राहकों के पैसों को निवेश करके होती है. इसके अलावा कुछ ही गिने चुने चार्ज या फीस बैंक की तरफ से वसूले जाते थे लेकिन आज कई ऐसी फीस हैं कि आपको पता भी नहीं चलता और बैंक कई तरह के चार्ज लगा देते हैं. जो हर बैंक का अलग-अलग हो सकता है. आइये आपको कुछ ऐसे चार्ज या फीस के बारे में बताते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है.

- अधिकतर बैंक अपने ग्राहकों से खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त रखते हैं. जिसे पूरा ना करने पर पेनल्टी लगती है और पैसा आपके खाते से ही काट लिया जाता है

-क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल डीजल भरवाते हैं तो भी बैंक आपकी जेब पर सरचार्ज का बोझ डाल देता है और आपसे अतिरिक्त रुपये वसूलता है.

- अगर आपको बैंक खाता खुलवाए 6 महीने भी नहीं हुए हैं और आप इस खाते को बंद करवाना चाहते हैं तो बैंक खाते को बंद करने की एवज में आपसे 50 से 200 रुपये तक का चार्ज वसूला जा सकता है.

- अगर 6 महीने से आपके बैंक खाते में किसी भी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है तो इसके लिए भी आपको जुर्माना देना पड़ सकता है. इसे लेकर सरकारी और निजी बैंकों के अलग-अलग नियम हैं.

अपनी ब्रांच या अन्य ब्रांच में जाकर तय सीमा से अधिक कैश निकालना और जमा करने पर भी लगता है चार्ज

-मासिक और तिमाही में तय बार से ज्यादा लेन-देन के बाद हर ट्रांजक्शन के लिए 50 रुपये तक वसूले जा सकते हैं.

-आपका खाता जिस ब्रांच में है, उससे अलग किसी और ब्रांच में जाकर आप तय सीमा से अधिक लेन-देन करते हैं, तो इसके लिए भी पैसे चुकाने होंगे. आपकी होम ब्रांच के मुकाबले अन्य ब्रांच में लेन-देन के तय मौके बहुत कम होते हैं.

-नॉन बेस ब्रांच में एक महीने में दूसरी बार कैश डिपॉजिट करने पर भी बैंक चार्ज करता है. इसके लिए भी अलग-अलग बैंक ने अलग फीस तय की हुई है. इसी तरह नॉन बेस ब्रांच से दूसरी बार कैश निकालने पर बैंक चार्ज करता है.

-यदि आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से विदेश में भुगतान करते हैं तो एक्सचेंज रेट के तौर पर में 3 से 4 फीसद शुल्क लिया जाता है. इसलिए, विदेश में कार्ड को स्वाइप करने से पहले लेनदेन राशि पर 3-4 फीसद अतिरिक्त लागत जोड़ लें.

-प्राइवेट बैंक किसी तरह का डॉक्युमेंट, बैलेंस सर्टिफिकेट, इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, एड्रेस कन्फर्मेशन, अटेस्टेड सिग्नेचर, अटेस्टेड फोटो आदि के बदले 50 से 200 रुपए तक वसूलते हैं.

-क्रेडिट कार्ड से भी अब एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं ऐसा करने पर भी आपको चपत लग सकती है.

- कुछ बैंक तय सीमा से ज्यादा कैश जमा करने पर भी चार्ज लगाते हैं. बैंकों में पहले कुछ ट्रांजैक्शन फ्री होते हैं. लेकिन बाद में इसके ट्रांजैक्शन पर भुगतान करना पड़ता है.

एटीएम का तय सीमा से अधिक बार इस्तेमाल या गलत ट्रांजक्शन पर कटती है जेब

- NEFT और RTGS पर कोई चार्ज नहीं वसूला जाता है. लेकिन Immediate Payment Service (IMPS) ट्रांजैक्शन पर अभी भी बैंक चार्ज वसूलते हैं. आमतौर पर इसमें चार्ज 1 रुपये से लेकर 25 रुपये तक रहता है.

-एटीएम से तय बार से ज्यादा बार कैश निकालने पर भी बैंक चार्ज वसूलते हैं. तय सीमा के बाद हर बार कैश निकालने पर आपकी जेब कटना तय है.

- बैंक की कोई भी सेवा मुफ्त नहीं होती. बैंक खाते में पैसे जमा करने, पैसे कटने का जो मैसेज आपके फोन पर आते हैं उसके लिए भी बैंक चार्ज वसूलते हैं.

-यदि आप चाहते हैं कि हर महीने आपके घर बैंक स्टेटमेंट भेजा जाए, तो इसके लिए भी बैंक को चार्ज देना पड़ेगा. हर बैंक अपने मुताबिक इसकी कीमत तय करता है. ज्यादातर बैंकों में यह कीमत 200 रुपए तक है. हालांकि, ईमेल से स्टेटमेंट मंगवाने पर कोई चार्ज नहीं लगता. रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक, बैंकों को हर 3 महीने पर ग्राहकों को स्टेटमेंट भेजना होता है, जिसके लिए बैंक कोई फीस नहीं वसूल सकते हैं

- आप जो एटीएम कार्ड इस्तेमाल करते हैं उसके बदले भी हर साल आपको एक तय रकम देनी होती है. हर वित्त वर्ष में बैंक चुपचाप ये रकम आपके खाते से काट लेते हैं.

- मान लीजिए आपके खाते में 4000 रुपये हैं लेकिन आप अनजाने में एटीएम से कैश निकालते वक्त 6000 रुपये की रकम के लिए रिक्वेस्ट करते हैं. आपको पैसे तो नहीं मिलेंगे क्योंकि आपके खाते में उतनी रकम नहींहै. लेकिन इस गलत ट्रांजक्शन के बदले आपके खाते से एक मामूली ही सही लेकिन रकम कट सकती है.

- अगर आप अपना बैंक खाता एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं तो भी बैंक आपसे चार्ज वसूलेगा.

- एटीएम खोने या नया अप्लाई करने पर बैंक कुरियर के जरिये आपके घर तक एटीएम या किट भेजता है लेकिन अगर गलत एड्रेस के चलते कुरियर वापस होता है तो इसका हर्जाना भी बैंक आपसे ही वसूलता है.

मैसेज के लिए भी चार्ज वसूलते है बैंक

नियम है या मनमानी ?

कुल मिलाकर आप अपनी मेहनत की कमाई बैंक में जमा कर रहे हैं. ये सोचकर कि वहां आपकी पूंजी महफूज रहेगी, उल्टा बैंक को आपका शुक्रगुजार होना चाहिए क्योंकि वो आपके जमा कराए पैसे को ही निवेश कर मुनाफा कमाता है. लेकिन आपको अपने ही पैसे निकालने, जमा करने, या जरूरत पड़ने पर निकालने के लिए जुर्माना, फीस या चार्ज देना पड़ रहा है.

जानकार मानते हैं कि ये सारी कवायद कैश पर निर्भरता कम करने की है. देश में साल 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है. कई डिजिटल वॉलेट और ऐप भी मौजूद है. लेकिन फिर भी एक बड़ा तबका डिजिटल पेमेंट की बजाय सीधे बैंक से लेन देन कर रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसी स्थिति है. बैंक इसके लिए नियमों का हवाला देते हों लेकिन कई लोगों को ये मनमानी लगेगी. कुछ जानकार मानते हैं कि बैंकों की घटती ब्याज दर और इस तरह के चार्ज या फीस लगाने की वजह है लोगों को बचत की जगह निवेश के लिए प्रेरित करना. देश के मिडिल क्लास बैंक में अपनी जमा पूंजी बचाता है लेकिन सरकार चाहती है कि बचत की बजाय या तो उसे खर्च किया जाए या फिर शेयर बाजार, एसआईपी जैसे अन्य सेक्टर्स में लगाया जाए ताकि बाजार में पैसा आए.

ये भी पढ़ें: दुनियाभर के देशों में रहते हैं प्रवासी भारतीय, ब्रिटेन ने दी कोविशील्ड को मंजूरी, जानिये कितने देशों की मिल चुकी है हरी झंडी ?

Last Updated : Oct 8, 2021, 9:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details