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सुपरहीरो से कम नहीं हैं रजनी सर, जिनके हर एक्शन पर आज भी सीटियां बजती हैं - दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित हुए रजनीकांत

रजनीकांत सोमवार को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किए गए. इन महान अभिनेता को फैंस के बीच ऐसा स्टेटस हासिल है, जैसे दुनिया में देवताओं का. वह सुपरमैन के गेटअप में कभी नहीं दिखे मगर वह फैंस के बीच सुपरहीरो से कम भी नहीं हैं. आप भी पढ़ें भारतीय सिनेमा के इस महानायक के बारे में, जिनकी स्टाइल की नकल 5 दशकों से हिंदुस्तान कर रहा है.

rajnikanth dada saheb falke award
rajnikanth dada saheb falke award

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Published : Oct 25, 2021, 8:41 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 8:55 PM IST

हैदराबाद : दि रजनीकांत, थलाइवा, रजनी सर, ओनली रजनी..भारतीय सिनेमा में रजनीकांत को फैन्स उन्हें ऐसे ही बुलाते हैं. परदे पर करिश्मा करने वाले रजनीकांत की फिल्म सुबह 3 बजे भी रिलीज होती है. फिल्म के ओपनिंग से पहले उनके बड़े-बड़े कटआउट को दूध से नहाना, भव्य पूजा और कास्टिंग में उनके नाम के आते ही थिएटर में सीटी और तालियों का शोर , ऐसा सिर्फ रजनीकांत के लिए होता है. उनके डाई हर्ट फैंस सिर्फ कॉलीवुड या साउथ इंडियन सिनेमा में ही हैं, ऐसा मानना भी गलत है. हिंदी भाषी क्षेत्रों में भी रजनीकांत लिंजेडरी एक्टर हैं, जिनकी डब फिल्में हिन्दी मूवी चैनलों पर खूब देखी जाती है. उनका मशहूर डायलॉग 'माइंड इट' क्षेत्र और भाषा की दीवार को दशकों पहले ही लांघ चुका है.

स्क्रीन वाले रजनी सर असल जिंदगी में कभी दिखावा नहीं करते

एक और खासियत, पर्दे पर दिखने वाले 70 साल के रजनी सर और असल जिंदगी के रजनीकांत के पब्लिक एपीयरेंस में काफी फर्क है. सुपरस्टार होने के बाद भी एक सीधी-सादी जिंदगी जीते हैं. वह सामान्य जिंदगी में ट्रडिशनल तमिल अंदाज में रहते हैं मगर उनके फैंस हर रुप में पसंद करते हैं. बड़े स्टार्स पर निजी जिंदगी में भी स्क्रीन एपियरेंस के हिसाब से दिखने का प्रेशर रहता है और वह ऐसा करते भी हैं.

रजनीकांत

अवॉर्ड सेरेमनी में थोड़ा बोले, मगर दिल को छू लिया

रजनीकांत बस कंडक्टर से एक्टर बने, यह सब जानते हैं. रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है, यह भी किसी से छिपा नहीं है. उनकी पत्नी लता रंगाचारी और बेटियां ऐश्वर्या और सौंदर्या भी काफी फेमस पर्सनैलिटी है. कोलावरी डी गाने वाले और रांझणा में शानदार एक्टिंग करने वाले धनुष भी जगत प्रसिद्ध हो चुके हैं. अपनी जिंदगी और फिल्मी सफर के बारे में रजनीकांत ने दादा साहब फाल्के अवॉर्ड लेने के बाद विनिंग स्पीच में उन्होंने खुद बयां किया, जो काफी दिलचस्प है.

उन्होंने कहा- 'मैं यह अवॉर्ड अपने मेंटर, मेरे गुरु के बालाचंदर को समर्पित करता हूं. इस लम्हे में मैं उन्हें आभार के साथ याद करता हूं और मेरे भाई सत्यनारायण गैकवाड जो मेरे पिता जैसे ही है, जिन्होंने मुझे महान वैल्यू और आध्यात्म के साथ बड़ा किया है. कर्नाटक में मेरे दोस्त, बस ट्रांसपोर्ट ड्राइवर, मेरे सहकर्मी- राजबहादुर. मैं जब बस कंडक्टर था, तो उन्होंने मेरे एक्टिंग टैलेंट को पहचाना और मुझे सिनेमा जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया.'

रजनीकांत

फिल्म में ब्रेक के लिए तमिल सीखने की चुनौती

के बालाचंदर ने 1975 में रजनीकांत को ब्रेक दिया था. रजनीकांत कर्नाटक में पले-बढ़े थे. बालाचंदर ने तमिल सीखने की शर्त पर फिल्म ऑफर किया था. जल्द ही फर्राटे से तमिल बोलने लगे. फिल्म मिली, अपूर्व रागगल. फिल्म में रजनीकांत के कैरेक्टर का नाम था, पांड्यन. जो एक गुस्सैल पति है. किरदार छोटा था मगर 'थलाइवा' ने ऐसा कमाल किया कि पब्लिक काफी साल तक उन्हें पांड्यन के नाम से ही पुकारती रही. डायरेक्टर बालाचंदर ने उन्हें निगेटिव रोल भी दिए, रजनीकांत हर कैरेक्टर में फिट होते गए. 1977 में 'रजनी सर' ने तेलगू, कन्नड़ और तमिल में कुल15 फिल्में की, उनमें से ज्यादातर फिल्मों में उनका ग्रे शेड ही था. 1978 में एक तमिल फिल्म आई, भैरवी. इस फिल्म में पॉजिटिव रोल में रजनीकांत ऐसे जमे कि बॉक्स ऑफिस उनका कायल हो गया. 80 के दशक में उनकी फिल्म सफलता की गारंटी बन गई.

पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून

उनकी पहली हिंदी फिल्म को A सर्टिफिकेट मिला था

1982 में हिंदी सिनेमा वालों ने रजनीकांत का स्टाइल देखा, फिल्म थी अंधा कानून. जिसमें रजनीकांत अपनी बहन की मौत का बदला लेते हैं, अपने स्टाइल में चुन-चुनकर. सिगरेट उछालना और हंसते-हंसते गुस्से वाला हावभाव कमाल कर गया. हिंदी के सुपरस्टार अभिताभ बच्चन की फिल्म का यूएसपी बन गए. मगर सेक्स और हिंसा के दृश्यों के कारण तब यह फिल्म सिर्फ A सर्टिफिकेट वाली व्यस्कों के लिए थी. अब तो टीवी पर अक्सर आती है. यू-ट्यूब पर आप देख सकते है. खैर रजनीकांत हिंदी वाले दर्शकों के दिल में घर बना गए. अगले 13 साल में 23 हिंदी फिल्में कर दीं. वैसे वह अभी तक कई भाषाओं में करीब185 फिल्म कर चुके हैं.

स्टाइल, जिसके मुरीद हैं फैंस

जोक भी काफी बनते हैं, यह पॉपुलैरिटी का मस्त पहलू है

रजनीकांत पर जोक्स भी काफी बनते हैं. खास बात यह है कि इन जोक्स में भी उनके ओनली रजनी और माइंड इट वाले इमेज का ख्याल रखा जाता है. सभी जोक में वह सुपरमैन हैं, जैसा उनके फैंस मानते हैं.

उदाहरण के लिए पहला जोक

एक दिन रजनीकांत ने अपना स्कूल बंक कर दिया था.

तब से वह दिन संडे के रूप में जाना जाता है

दूसरा जोक भी पढ़ लें

संता: एक बार रजनीकांत और भगवान में झगड़ा हो गया जानते हो फिर क्या हुआ ?

बंता: क्या हुआ ?

संता: आज भगवान ऊपर हैं.

एक और..

एक दिन रजनीकांत उठे और सोचा कि उन्हें कम से कम अपनी नॉलेज का एक परसेंट हिस्सा तो दुनिया के साथ शेयर करना ही चाहिए....

और इसी के बाद गूगल का जन्म हुआ.

परिवार के साथ रजनीकांत

थलाइवा को अपनी फीस में भारी कटौती करनी पड़ी

रजनीकांत ने सर्वाधिक फीस चार्ज करने वाले एक्टरों में से एक हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, उन्होंने अपनी फिल्म दरबार के लिए 90 करोड़ रुपये चार्ज किए थे. जीएसटी के साथ यह फीस 118 करोड़ रुपये थी. मगर फिल्म फ्लॉप होने के बाद उन्हें सिर्फ 58 करोड़ रुपये मिले. 2021 में रीलीज होने वाली फिल्म अन्नाथे (Annaatthe) के लिए 58 करोड़ रुपये लिए हैं. दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक्टर विजय ही रजनीकांत से अधिक फीस लेते हैं. विजय एक फिल्म के लिए 100 करोड़ रुपये लेते हैं.

एक मूवी का दृश्य

नई फिल्म अन्नाथे (Annaatthe) 4 नवंबर को रिलीज होने वाली है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस के सारे रेकॉर्ड तोड़ देगी. इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश के सिनेमाघर मालिकों को 100 फीसद ऑक्युपेंसी के साथ थिएटर खोलने की मंजूरी दे दी है.

Last Updated : Oct 25, 2021, 8:55 PM IST

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