बेंगलुरु : जनता परिवार से निकले और बी एस येदियुरप्पा की 'परछाई' कहे जाने वाले लिंगायत समुदाय से आने वाले बसवराज सोमप्पा बोम्मई के मंगलवार को प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के साथ ही कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा की तलाश खत्म हो गई.
नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद बोम्मई( Basavaraj S Bommai) ने कहा कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वे गरीबों के कल्याण के लिए काम करने का प्रयास करेंगे और उनकी सरकार जन हितैषी और गरीब समर्थक होगी. बोम्मई ने येदियुरप्पा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुझे सरकार गठन के लिये आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि वे आज 11 बजे शपथ लेंगे.
बोम्मई (61) इससे पहले येदियुरप्पा की सरकार में गृह, कानून, संसदीय मामलों एवं विधायी कार्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और साथ ही हावेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री भी थे.
बोम्मई के पिता एस आर बोम्मई जनता परिवार के दिग्गज नेता थे और वह कर्नाटक के 11वें मुख्यमंत्री भी थे.
प्रारंभिक जीवन
हुबली में 28 जनवरी 1960 को जन्मे बसवराज बोम्मई ने मकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने पुणे में तीन साल तक टाटा मोटर्स में काम किया और फिर उद्यमी बने.
उनकी जाति, शैक्षणिक योग्यता, प्रशासनिक क्षमताएं और येदियुरप्पा व भाजपा के केंद्रीय नेताओं से करीबी इस पद के लिये उनके चयन की प्रमुख वजहों में बताई जा रही हैं.
परिवार की बात करें तो बोम्मई का विवाह चेनम्मा से हुआ है और उनके एक बेटा व एक बेटी हैं.
बोम्मई प्रभावशाली वीराशैव-लिंगायत समुदाय से आते हैं और येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से हैं. राज्य की कुल आबादी में समुदाय की हिस्सेदारी 16-17 प्रतिशत है और इसे भाजपा के मजबूत वोटबैंक के तौर पर देखा जाता है.
सीएम बनने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी में नया नाम जुड़ा कर्नाटक के बोम्मई परिवार का
बोम्मई से पहले कर्नाटक में एक और पिता-पुत्र की जोड़ी है, जिसने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला और वह हैं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का परिवार. देवेगौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. बाद में उनके पुत्र एच डी कुमारस्वामी भी राज्य के मुख्यमंत्री बने.