दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राष्ट्रीय मतदाता दिवस : मतदान के प्रति जागरूक करने का दिन

इस साल 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (12th National Voters Day) मनाया जा रहा है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने और प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. वोट डालना एक मूल अधिकार है.

national voters day 2022
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022

By

Published : Jan 25, 2022, 7:09 AM IST

Updated : Jan 25, 2022, 8:43 PM IST

हैदराबाद :भारत दुनिया के सबसे बड़ा लोकतंत्र देशों में से एक है. देश की विविध भौगोलिक और सांस्कृतिक टाइपोग्राफी हमारे चुनावों को वास्तव में एक विशाल अभ्यास बनाती है.

इस वर्ष देश 25 जनवरी 2022 को 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाएगा. राष्ट्रीय मतदाता दिवस इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि पूरे देश में मतदाताओं की संख्या बढ़े, विशेषकर युवा मतदाताओं की. यह मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस : इतिहास

25 जनवरी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का स्थापना दिवस है, जो 1950 को अस्तित्व में आया था. इस दिन को पहली बार 2011 में मनाया गया था, ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इसमें कोई संदेह नहीं कि यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है. चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है.

कैसे मनाया जाता है ?

हर साल, राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मुख्य अतिथि के रूप में भारत के माननीय राष्ट्रपति की उपस्थिति में नई दिल्ली में मनाया जाता है. समारोह की शुरुआत स्वागत भाषण से होता है, कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक नृत्य, नाटक, संगीत, विभिन्न विषयों पर ड्राइंग प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है.

स्वीप

सुव्‍यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम, स्‍वीप के रूप में अधिक जाना जाता है. यह भारत में मतदाता शिक्षा, मतदाता जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने एवं मतदाता की जानकारी बढ़ाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है. स्‍वीप का प्रमुख लक्ष्‍य निर्वाचनों के दौरान सभी पात्र नागरिकों को मत देने और जागरूक निर्णय लेने के लिए प्रोत्‍साहित करके भारत में सही मायनों में सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है. यह कार्यक्रम विविध प्रकार के सामान्‍य एवं लक्षित ऐसे इंटरवेंशनों पर आधारित है, जो राज्‍य के सामाजिक-आर्थिक, सांस्‍कृतिक और जनसांख्यिकीय प्रोफाइल के साथ-साथ निर्वाचनों के पिछले चक्रों में निर्वाचकीय सहभागिता के इतिहास और उनसे मिली सीख के अनुसार अभिकल्पित किए गए हैं.

भारतीय राष्ट्रीय चुनाव 2019 में मतदाताओं का महत्व :

  • लोक सभा चुनाव या भारत के संसद के निचले सदन के लिए आम चुनाव को सही मायने में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक अभ्यास माना जाता है.
  • लोक सभा चुनाव 2019 में लगभग 90 करोड़ लोगों ने मतदान किया. इस मतदाता में कुछ हजारों विदेशी मतदाता भी शामिल थे, जो देश की भौगोलिक सीमाओं से बाहर थे.
  • 'देश का महा त्योहार' के रूप में नामित, इस मतदान में ग्रामीण, पहाड़ी और दूर-दराज के इलाकों सहित देश में बने लगभग 10 करोड़ मतदान केंद्रों में मतदाताओं ने वोट किया.
  • 39 दिनों से अधिक चलने वाले और 7 चरणों में आयोजित किए गए चुनाव में इलेक्टोरल रोल 16 भाषाओं में तैयार किया गया था और चुनाव प्रबंधन में लगभग 12 मिलियन मतदान अधिकारी तैनात किए गए थे. 23 मई 2019 को परिणाम घोषित किए गए थे.
  • लोक सभा चुनाव 2019 में चिलचिलाती गर्मी के बावजूद 613 मिलियन से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले. बुजुर्ग नागरिकों और दिव्यांगों ने भी बड़ी संख्या में वोट डाले कुल मतदाताओं में से 292.4 मिलियन महिला मतदाता थीं.
  • 17 प्रांतों में पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ और 11 प्रांतों में ऐतिहासिक मतदान हुआ. 18 प्रांतों में महिला मतदान पुरुषों के मतदान प्रतिशत से अधिक था. इससे जेंडर गैप औसतन 0.10 प्रतिशत कम हो गया.
  • चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हर पोलिंग स्टेशन पर इवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था. मतदान के दौरान 2.33 मिलियन बैलट यूनिट, 1.635 मिलियन कंट्रोल यूनिट और 1.74 मिलियन वीवीपैट मशीनें लगाई गई थीं.
  • इस चुनाव में सबसे अधिक 67.47% मतदान हुआ था, जो 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले 1.03% अधिक था.

विश्व में महामारी के बीच चुनाव

21 फरवरी 2020 से 27 दिसंबर 2020 : जानकारी के अनुसार दुनिया भर में कम से कम 75 देशों में कोविड-19 के कारण राष्ट्रीय और उप राष्ट्रीय चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया गया. कम से कम 101 देशों ने कोरोना महामारी के बीच राष्ट्रीय या उप राष्ट्रीय चुनाव कराने का निर्णय लिया, जिनमें से कम से कम 79 देशों में राष्ट्रीय चुनाव या जनमत संग्रह कराए गए.

भारत में आगामी चुनाव

चुनाव आयोग के लिए चिंता का एक बड़ा कारण विधानसभा चुनाव 2022 हैं. सभी चुनाव कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते हुए करवाए जाएंगे. चुनाव आयोग ने भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

Last Updated : Jan 25, 2022, 8:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details