प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य शूटरों में शामिल गुलाम को यूपी एसटीएफ ने असद के साथ हुई मुठभेड़ में मार गिराया है. असद के साथ ही गुलाम के ऊपर भी 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. गुलाम के ऊपर शहर के अलग-अलग थानों में 8 मुकदमे दर्ज थे. जिसमें सिविल थाना क्षेत्र में नगर निगम के ठेकेदार की हत्या का मामला भी शामिल था. इसी हत्याकांड से गुलाम का नाम सुर्खियों में आया था. जिसके बाद वो अतीक गैंग का करीबी हो गया था.
ठेकेदार की हत्या कर सुर्खियों में छा गया था गुलाम
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शूटर गुलाम प्रयागराज के अतरसुइया इलाके का रहने वाला था. उसने इलाहाबाद युनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. जिसके बाद वो अलग-अलग विभागों में ठेकेदारी करने लगा था. इसी दौरान विवाद होने पर गुलाम ने करीब दस साल पहले सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में नगर निगम के ठेकेदार चंदन सिंह की हत्या कर दी थी. जिसके बाद लगभग 4 सालों तक नैनी सेंट्रल जेल में बंद रहा. जब जेल से बाहर निकला तो वो जुर्म की दुनिया में पूरी तरह से जा चुका था. अतीक गैंग से जुड़ने के बाद उस पर धूमनगंज, सिविल लाइंस, शिवकुटी और जार्जटाउन थाने में केस दर्ज हुए. जिसमें हत्या में साथ ही हत्या की साजिश रचने, धमकी देने और जानलेवा हमले के मामले शामिल हैं. साल 2012 के बाद दस साल में गुलाम के खिलाफ 8 केस दर्ज हुए थे.