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क्यों चर्चा में हैं लक्षद्वीप प्रशासक, क्या है इनसे जुड़ा विवाद, जानें - विवादास्पद नियम लक्षद्वीप

इन दिनों लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल विवादों में हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना उनकी सलाह के बहुत सारे ऐसे नियम बना दिए गए हैं, जिसकी वजह से उनकी संस्कृति प्रभावित होगी. उनकी आजीविका संकट में पड़ सकती है. हालांकि पटेल का कहना है कि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के 'भ्रष्ट चलन' को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. क्या है पूरा विवाद, आसान भाषा में समझें.

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Published : May 27, 2021, 10:18 PM IST

हैदराबाद : इन दिनों लक्षद्वीप अचानक ही विवादों में आ गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने यहां के प्रशासक प्रफुल पटेल पर सवाल उठाए हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि केंद्र को जल्द से जल्द विवाद सुलझाने चाहिए.

विवाद की वजह

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने बीफ बैन, पंचायत चुनाव और कुछ दूसरे नियमों में फेरबदल किए हैं. इसका एक मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी से बाद सभी नियम कानून बन जाएंगे. लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इन नियमों का विरोध किया है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे प्रशासक प्रफुल पटेल ने बिना सलाह-मशविरा किए ही नए नियम निर्धारित कर डाले.

विवादास्पद नियम

दो से अधिक बच्चे, तो नहीं लड़ सकते चुनाव

- जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. एक ट्वीटर यूजर ने लिखा है कि लक्षद्वीप की कुल प्रजनन दर 1.6 है, जो दो की सीमा से कम है.

किसी भी जगह को प्लानिंग एरिया घोषित किया जा सकता है

- ड्राफ्ट के मुताबिक सरकार किसी भी जगह को प्लानिंग एरिया घोषित कर सकती है. इसका मतलब है कि लक्षद्वीप डेवलपमेंट ऑथरिटी वहां पर पहले से मौजूद ढांचा को गिरा सकता है.

आपको बता दें कि लक्षद्वीप की अधिकतर आबादी मछली पालन पर निर्भर है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिए हैं.

बिना वारंट हिरासत

- एंटी सोशल एक्टिविटी रेगुलेशन ड्राफ्ट के मुताबिक एक साल तक किसी को पब्लिक डिस्कोर्स से दूर रखा जा सकता है. यानी बिना वारंट के किसी भी संदिग्ध को हिरासत में लिया जा सकता है.

इसके विरोध में स्थानीय नेताओं का कहना है कि लक्षद्वीप में देश में सबसे कम अपराध दर है. एनसीआरबी के आंकड़े इसका सपोर्ट करते हैं. हालांकि, पटेल का कहना है कि यहां पर नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में वृद्धि हुई है.

बीफ बैन

- पशु संरक्षण नियमन 2021 के मुताबिक गाय और बैल के वध पर प्रतिबंध है.

इसके खिलाफ में प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पटेल आरएसए के बीफ बैन के एजेंडे को लागू कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि गोमांस उनके नियमित आहार का हिस्सा है. लक्षद्वीप की 96 फीसदी आबादी मुस्लिम है. अधिकांश आबादी जनजातीय है.

- स्कूल से मिड-डे मील को मांसाहारी भोजन को हटा दिया गया.

कालपेनी में प्रफुल पटेल

शराब बिक्री को मिली इजाजत

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप में बार खोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. अभी यहां पर शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध है.

इसमें सबसे आश्चर्य की बात ये है कि यहां पर मुख्य रूप से मलयाली भाषी हैं. और देश में सबसे अधिक शराब की खपत करने वालों में केरल शामिल है.

केरल से लिंक तोड़ना ?

लक्षद्वीप जाने वाले कार्गो केरल के बेपोर बंदरगाह पर डॉक किया जाता था. पटेल के नए आदेश के मुताबिक कार्गो अब कर्नाटक के मंगलुरु बंदरगाह पर डॉक किया जाने लगा है.

लक्षद्वीप कोच्चि से 150-200 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है. मुख्य रूप से यहां के 10 द्वीपों पर आबादी रहती है. जनसंख्या करीब 64 हजार है. वे मलयालम की एक बोली जेसेरी बोलते हैं. मिनिकॉय अपवाद है, जहां पर महल भाषा बोली जाती है. शिक्षा से लेकर चिकित्सा सुविधा के लिए वे मुख्य रूप से केरल पर निर्भर रहते हैं.

केरल के राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने आरोप लगाया है कि पटेल का मुख्य उद्देश्य लक्षद्वीप का केरल से संबंध काटना है. उन्होंने इस बाबत राष्ट्रपति को भी एक पत्र लिखा है.

कौन हैं प्रफुल पटेल

प्रफुल पटेल

प्रफुल पटेल को दिसंबर 2020 में प्रशासक नियुक्त किया गया था.

प्रफुल पटेल भाजपा के पूर्व नेता रह चुके हैं. वह गुजरात में मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य थे. दिसंबर 2020 में उनकी नियुक्ति लक्षद्वीप में की गई है. उनके पास दमन, दीव और दादरा एवं नागर हवेली का भी प्रभार है. इसके पहले किसी न किसी आईएएस अधिकारी को ही बतौर प्रशासक नियुक्त किया जाता रहा है.

आपको बता दें कि यह लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश है. यहां विधानसभा नहीं है. राष्ट्रपति की ओर से प्रशासक नियुक्त किए जाते हैं.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि स्थानीय संस्कृति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. खाने के तरीके पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. राहुल ने पीएम मोदी को इस बाबत पत्र भी लिखा है. उन्होंने लक्षद्वीप के प्रशासक को वापस बुलाए जाने की मांग की है.

कांग्रेस नेता ने लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा कि लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने दावा किया कि इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं, कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं तथा प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित करते हैं.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की है.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने कहा कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के 'भ्रष्ट चलन' को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. अब्दुल्लाकुट्टी लक्षद्वीप में भाजपा के प्रभारी भी हैं.

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