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किसान महापंचायत : बोले टिकैत- चाहे हमारी कब्र बन जाए, धरनास्थल नहीं छोड़ेंगे - samyukta kisan morcha

किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि देश में आज़ादी की लड़ाई 90 साल तक चली, यह आंदोलन कितने साल चलेगा हमें तो जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि चाहे हमारी कब्र बन जाए, लेकिन हम धरनास्थल नहीं छोड़ेंगे. टिकैत ने दावा किया कि योगी सरकार ने गन्ने का एक रुपये भी दाम नहीं बढ़ाया है.

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत

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Published : Sep 5, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 6:21 PM IST

मुजफ्फरनगर :केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत आयोजित की गई. किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तत्वावधान में 15 राज्यों के 300 से अधिक किसान संगठनों ने भाग लिया, जो किसान एकता की ताकत का एक बड़ा प्रदर्शन साबित हुआ और इसमें विरोध जारी रखने के अपने संकल्प को दोहराया गया. किसानों ने सर्वसम्मति से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है.

किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन तब तक चलेगा जब तक भारत सरकार चलवाएगी. जब तक वे बात नहीं मानेंगे आंदोलन चलता रहेगा. जब सरकार बातचीत करेगी तो हम करेंगे. देश में आज़ादी की लड़ाई 90 साल तक चली, यह आंदोलन कितने साल चलेगा हमें तो जानकारी नहीं है. टिकैत ने कहा कि हमारी कब्र भी बन जाए, तो कोई बात नहीं, लेकिन हम धरनास्थल पर डटे रहेंगे.

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि यह किसानों की ताकत है और कब तक सरकारें हमें हमारे अधिकारों से वंचित करती रहेंगी. किसान अपने दम पर कई राज्यों से आए हैं और वे यहां किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं हैं. टिकैत ने कहा कि भारत को अब बिक्री के लिए रखा जा रहा है और राष्ट्रीय संपत्ति निजी क्षेत्र को बेची जा रही है. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के समर्थन में अगली बैठक लखनऊ में होगी.

राकेश टिकैत का बयान.

एसकेएम ने एक बयान में कहा कि महापंचायत आज मोदी और योगी सरकारों को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी. मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी होगी.

किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकारें उनकी मांगों को नहीं मानती हैं तो वे 2022 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे. उन्होंने 2024 तक अपना आंदोलन जारी रखने की धमकी भी दी, जब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब आंदोलन को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे कि किसानों की अपनी सरकार हो - जो उनके हितों को पूरा करे.

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

किसान महापंचात में जिंद से आई पूनम रेणु ने ईटीवी भारत से कहा कि सरकार को इन काले कानूनों को रद्द करना चाहिए. और जब तक सरकार ये काले कानून रद्द नहीं होते हैं तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे.

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला
राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा,'गूंज रही है सत्य की पुकार, तुम्हें सुनना होगा, अन्यायी सरकार!

किसान महापंचायत को लेकर राहुल गांधी का ट्वीट

किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर किसान आंदाेलन का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा हक की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है. आगे लिखा - किसानों की हुंकार के सामने सत्ता का अहंकार नहीं चलता.

वरुण गांधी ने की किसानों का दर्द समझने की अपील
वहीं भाजपा नेता वरुण गांधी ने किसानों का दर्द समझने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं. ये किसान हमारे अपने ही खून हैं. हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है. उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें.'

जयंत चौधरी का ट्वीट
राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट किया कि प्रशासन ने सभा के ऊपर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की अनुमति नहीं दी. उन्होंने ट्वीट किया कि बहुत माला पहना. लोगों ने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया है. हम लोगों पर फूल बरसाकर उन्हें सलाम और स्वागत करना चाहते थे. डीएम, एडीजी, सिटी मजिस्ट्रेट, प्रमुख सचिव, सीएम - सभी को सूचित किया गया था, लेकिन वे अनुमति नहीं दे रहे हैं! किसानों के संबंध में सरकार को क्या खतरा है?

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों के 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं, जहां 5,000 से अधिक लंगर (भोजन स्टाल) लगाए गए हैं. संगठनों के झंडे और अलग-अलग रंग की टोपी पहने किसान बसों, कारों और ट्रैक्टरों के जरिए यहां पहुंचते देखे गए. आयोजन स्थल के आसपास कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं. जीआईसी कॉलेज के मैदान तक पहुंचने में असमर्थ लोगों को कार्यक्रम देखने की सुविधा प्रदान करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं.

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इस बीच, मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने आयोजन स्थल और महापंचायत के प्रतिभागियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अनुरोध को खारिज कर दिया है. सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने रालोद के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज किया कि सुरक्षा कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है. रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने जिला प्रशासन से आंदोलन कर रहे किसानों के सम्मान में महापंचायत पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की अनुमति मांगी थी.

जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक उमेश मलिक के आवासों पर पुलिस तैनात कर दी है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को दावा किया था कि रविवार की 'महापंचायत' में भाग लेने के लिए 15 राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे हैं. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 किसान संघों के समूह ने कहा कि 'महापंचायत' यह साबित करेगी कि आंदोलन को समाज के 'सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों का समर्थन प्राप्त है'.

Last Updated : Sep 5, 2021, 6:21 PM IST

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